Kerala by-Election: काले धन के संदेह में पुलिस ने पलक्कड़ में आधी रात को होटल में छापा मारा
केरल में पलक्कड़ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार अभियान के बीच बुधवार को काले धन के संदेह में एक होटल में आधी रात को पुलिस की छापेमारी से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया.
पलक्कड़ (केरल), 6 नवंबर : केरल में पलक्कड़ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार अभियान के बीच बुधवार को काले धन के संदेह में एक होटल में आधी रात को पुलिस की छापेमारी से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. आधी रात के करीब पुलिस ने होटल में तलाशी ली जिनमें वे कमरे भी शामिल थे जहां बिंदु कृष्णा और शनिमोल उस्मान सहित कांग्रेस की प्रमुख महिला नेता ठहरी हुई थीं. घटना ऐसे समय में हुई है जब कांग्रेस - संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) अपनी मौजूदा सीट को बरकरार रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, जबकि सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) - राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) कांग्रेस से इस सीट को छीनने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.
कांग्रेस नेतृत्व ने पुलिस कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह ‘‘आधी रात को पुलिस का नाटक’’ था, जिसे भाजपा और माकपा ने संभावित चुनावी हार के डर से संयुक्त रूप से अंजाम दिया. हालांकि, मार्क्सवादी पार्टी और भाजपा ने आरोपों को खारिज किया और कांग्रेस पर इस महत्वपूर्ण उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए बड़ी मात्रा में काला धन ‘‘बांटने’’ का आरोप लगाया. बाद में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि छापेमारी पूर्व सूचना के आधार पर की गई. यह नाटकीय दृश्य उस समय सामने आया जब पुलिस की एक टीम ने आधी रात के आसपास तलाशी के लिए बिंदु कृष्णा और शनिमोल उस्मान के कमरे में प्रवेश करने का प्रयास किया. महिला अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण उस्मान ने इसका विरोध किया. छापेमारी की जानकारी मिलने पर कांग्रेस समर्थक बड़ी संख्या में होटल परिसर में एकत्र हो गए और पुलिस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे. इलाके में तनाव व्याप्त हो गया क्योंकि माकपा और भाजपा के स्थानीय नेता एवं कार्यकर्ता भी होटल पहुंचे तथा कांग्रेस नेताओं पर काला धन रखने का आरोप लगाया. यह भी पढ़ें : Kalyan Satta Matka Mumbai Results: क्या होता है कल्याण पैनल चार्ट? जानें सभी बातें
वामपंथी नेताओं ने होटल के सभी कमरों और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की मांग की. इस मुद्दे पर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा होने पर पुलिस ने बाद में स्पष्ट किया कि होटल के 12 कमरों की तलाशी ली गई, जिनमें सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के कमरे भी शामिल थे. छापेमारी के तुरंत बाद एक पुलिस अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘यह एक नियमित तलाशी थी. कमरों में कुछ भी नहीं मिला.’’ पुलिस ने बताया कि 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के दौरान गड़बड़ी रोकने के लिए इलाके के होटलों और लॉज में तलाशी ली जा रही है. कृष्णा और उस्मान ने बुधवार को सुबह पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने उन दोनों को निशाना बनाया. कृष्णा ने आरोप लगाया कि होटल में कई कमरे हैं, लेकिन पुलिसकर्मियों ने पहले भूतल पर स्थित उस्मान के कमरे पर दस्तक दी और फिर सीधे तीसरी मंजिल पर स्थित उनके कमरे में आ गए.
दोनों नेताओं ने कहा, ‘‘आधी रात की ये तलाशी जानबूझकर की गई साजिश थी.’’ उन्होंने यह भी कहा कि यह महिलाओं का मुद्दा होने के साथ-साथ एक राजनीतिक मामला भी है. कांग्रेस सांसद वी. के. श्रीकंदन एवं शफी परमबिल ने भी आरोप लगाया कि तलाशी में उनके पार्टी नेताओं को विशेष रूप से निशाना बनाया गया. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के. सुधाकरन ने भी पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की और माकपा एवं भाजपा पर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ मिलकर ‘‘साजिश रचने’’ का आरोप लगाया.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आधी रात का यह पुलिस का नाटक भाजपा और माकपा ने चुनावी हार के डर से खेला था.’’ उन्होंने कहा कि केरल के चुनावी इतिहास में ऐसी ‘‘घटिया घटना’’ कभी नहीं हुई. उन्होंने सवाल किया कि किस आधार पर पुलिस ने महिला अधिकारियों के बिना महिला नेताओं के कमरों में प्रवेश किया. सुधाकरन ने कहा कि कांग्रेस इस ‘‘आधी रात की तलाशी के नाटक’’ को कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से चुनौती देगी. उन्होंने कहा कि इनमें से कोई भी प्रयास यूडीएफ उम्मीदवार को यहां उपचुनाव में जीतने से नहीं रोक पाएगा. हालांकि, वरिष्ठ माकपा नेता पी. के. श्रीमति और स्थानीय स्वशासन विभाग (एलएसजीडी) मंत्री एम. बी. राजेश ने पुलिस की तलाशी को एक ‘‘नियमित प्रक्रिया’’ बताया और सवाल किया कि कांग्रेस इस पर इतना शोर क्यों मचा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी राजनीतिक दल को तलाशी से छूट नहीं दी गई. पुलिस ने सिर्फ एक ही नहीं, बल्कि सभी दलों के नेताओं के कमरों में प्रवेश किया. तलाशी नियमित थी.’’
माकपा नेता राजेश ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूछा, ‘‘इसे लेकर इतना हंगामा क्यों मचाया जा रहा है?’’ श्रीमती ने कहा कि यह समझने वाली बात है कि निर्वाचन आयोग को यह सूचना मिली थी कि यूडीएफ नेतृत्व ने होटल में काला धन रखा है, जिसका कथित तौर पर उपचुनाव में इस्तेमाल किया जाना था. इसके बाद ही ये तलाशी ली गई. उन्होंने कहा कि जब पुलिस को यह पता चला कि महिला नेता भी वहां मौजूद हैं तो बाद में महिला
पुलिस कर्मी होटल में पहुंचीं.भाजपा के प्रदेश प्रमुख के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि यह सच है कि कांग्रेस और पलक्कड़ के पूर्व विधायक शफी परमबिल आगामी उपचुनाव के लिए निर्वाचन क्षेत्र में काले धन का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने पुलिस पर ठीक से तलाशी नहीं लेने का आरोप भी लगाया. उन्होंने दावा किया कि पुलिस पांच मिनट में होटल पहुंच सकती थी, लेकिन खबर आने के बाद वह आधे घंटे देरी से पहुंची. सुरेंद्रन ने पुलिस पर होटल के सभी कमरों की तलाशी नहीं लेने का भी आरोप लगाया और कहा कि इससे काले धन को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का मौका मिल गया.
इस बीच, केपीसीसी ने आधी रात को महिला नेताओं के कमरों की तलाशी के खिलाफ जिला मुख्यालयों पर राज्य भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन की घोषणा की. भारत निर्वाचन आयोग ने कलपथी रथोत्सवम उत्सव का हवाला देते हुए पलक्कड़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख बदलकर 20 नवंबर कर दी है. पहले 13 नवंबर को मतदान निर्धारित था. इस वर्ष की शुरुआत में हुए संसदीय चुनावों में वडकारा निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक और कांग्रेस नेता शफी परमबिल के लोकसभा में निर्वाचित होने के कारण इस सीट के लिए उपचुनाव आवश्यक हो गया था.