पलक्कड़ (केरल), 15 जून केरल महिला आयोग की अध्यक्ष एमसी जोसफीने ने मंगलवार को कहा कि एक महिला को उसके प्रेमी द्वारा कैद रखना किसी कीमत पर जायज़ नहीं ठहराया जा सकता है और उन्होंने एक शख्स द्वारा 10 साल तक अपनी प्रेमिका को एक कमरे में छुपाकर रखने को ‘ अविश्वसनीय’ और ‘रहस्यमय’ करार दिया है।
जोड़े से यहां मुलाकात करने के बाद जोसफीने ने कहा कि रहमान और सजिता ने अपनी जिंदगी में कोई समस्या होने की बात स्वीकार नहीं की है और कहा है कि वे अपना शेष जीवन शांति से जीना चाहते हैं।
आयोग की प्रमुख ने यह भी कहा कि 10 साल पहले जब महिला के माता-पिता ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी तब पुलिस ने महिला का पता लगाने में ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई। वह और आयोग की सदस्य शाहिदा कमाल और शिजी शिवाजी दंपति का बयान लेने के लिए उनके किराये घर गई थी।
महिला आयोग ने इस बाबत पिछले हफ्ते इस घटना में स्वत: मामला दर्ज किया था और कहा था कि एक महिला को इस तरह से कमरे में बंद करना जहां उसकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की भी सुविधा न हो, मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है।
जोसफीने ने पत्रकारों से कहा, “एक महिला को पिछले 10 साल से कैद रखा गया था। इसे किसी भी कीमत पर जायज नहीं ठहराया जा सकता है, चाहे जितनी भी सुविधाएं दी जाएं। लेकिन वे दावा कर रहे हैं कि वे खुश हैं।”
इससे पहले रहमान और सजिता ने आयोग के सदस्यों से कहा था कि उन्हें परिवार और समाज के गुस्से के डर से मामले को दूसरों से छुपाना पड़ा। पुलिस के मुताबिक, एक कमरे में महिला के 10 साल तक रहने के दौरान उसका ध्यान व्यक्ति ने रखा।
पुलिस ने कहा कि तीन महीने पहले उसके प्रेमी के घर से लापता होने की जांच के बाद मामला प्रकाश में आया। उन्होंने कहा कि महिला भी उसके साथ गई थी।
महिला और पुरुष पिछले हफ्ते नेम्मारा के पास एक छोटे से गांव वितनास्सेरी के एक किराये के घर पर मिले थे और उन्हें अदालत में पेश किया गया था।
पुलिस ने कहा कि महिला को उसके प्रेमी के साथ जाने दिया गया क्योंकि उसने अदालत को बताया कि उन दोनों ने एक साथ रहने का फैसला किया है ।
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