सीएम अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान, कहा- कश्मीरी पंडितों को घर छोड़ने को मजबूर किया जा रहा, भाजपा से कश्मीर नहीं संभल रहा

केजरीवाल ने कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए रैली में शामिल सभी लोगों के साथ दो मिनट का मौन रखा. उन्होंने कहा, ‘‘जब कश्मीरी पंडित हत्याओं का विरोध करने के लिए आवाज उठाते हैं, तो उन्हें उनके इलाकों में बंद कर दिया जाता है. कश्मीरी पंडित केवल सुरक्षा चाहते हैं और कुछ नहीं.’’

अरविंद केजरीवाल (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली: कश्मीर (Kashmir) में लक्षित हत्याओं पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) से कार्य योजना पेश करने की मांग करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को दावा किया कि कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को घाटी छोड़कर जाने को मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने यहां जंतर मंतर पर आम आदमी पार्टी (AAP) की ‘जन आक्रोश रैली’ को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर में हो रही घटनाएं दर्शाती हैं कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) कश्मीर को नहीं संभाल सकती और वह केवल ‘‘घटिया राजनीति’’ करना जानती है. उन्होंने पाकिस्तान (Pakistan) पर भी निशाना साधा और उस पर कश्मीर में आतंकवादी (Terrorist) गतिविधियों को समर्थन देने का आरोप लगाया. Delhi: कश्मीर में टारगेट किलिंग के खिलाफ AAP का प्रदर्शन, केजरीवाल बोले-फेल हो गई बीजेपी

केजरीवाल ने कश्मीर में लक्षित रूप से की जा रही हत्याओं के खिलाफ आयोजित रैली में कहा, ‘‘मैं पाकिस्तान से कहना चाहता हूं कि वह तुच्छ हथकंडे अपनाना बंद करे. कश्मीर हमारा था और हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा... यदि भारत ने फैसला कर लिया, तो पाकिस्तान का अस्तित्व नहीं बचेगा.’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मामले पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से समय लेंगे और कश्मीर में हो रही हत्याओं को रोकने को लेकर केंद्र की योजना के बारे में जानेंगे. उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को अपने घर छोड़कर जाने के लिए ‘‘मजबूर किया’’ जा रहा है. उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में जो हुआ था, वही दोबारा हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में जब भी भाजपा सत्ता में आई है, कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने रैली में कहा, ‘‘यह दिखाता है कि भाजपा कश्मीर को नहीं संभाल सकती और उन्हें केवल घटिया राजनीति करनी आती है. कृपया कश्मीर को लेकर राजनीति मत कीजिए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रही है। वे केवल बैठक करते हैं, लेकिन उनके पास कोई योजना नहीं है. इस मामले पर कई बैठकें की गईं और अब हर कोई कार्य योजना के बारे में जानना चाहता है.’’

केजरीवाल ने कहा, ‘‘कश्मीर में जब भी कोई हत्या होती है, तभी यह कहा जाता है कि केंद्रीय गृह मंत्री एक उच्च स्तरीय बैठक कर रहे हैं, लेकिन कार्य योजना कहां है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘योजना क्या है? कश्मीर एक कार्य योजना चाहता है. मैंने कल देखा कि तीन घंटे तक उच्च स्तरीय बैठक हुई. कई बैठकें हो चुकी हैं. कृपया जमीनी स्तर पर कुछ कार्रवाई कीजिए। लोग मर रहे हैं.’’

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने केंद्र से मांग की कि वह घाटी में हालात से निपटने की अपनी योजना को सार्वजनिक करे. केजरीवाल ने कहा कि केंद्र को आमजन को बताना चाहिए कि कश्मीर में स्थिति से निपटने के लिए उसकी क्या योजना है. उन्होंने मांग की कि कश्मीरी पंडितों के साथ हस्ताक्षरित वे प्रतिज्ञा पत्र रद्द किए जाएं, जिनमें कहा गया है कि वे कश्मीर के बाहर काम नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की सभी मांगें पूरी की जाएं तथा उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए.

कश्मीर में आतंकवादी समूहों, खासकर लश्कर-ए-तैयबा ने हाल में लक्षित रूप से आठ लोगों की हत्या की है, जिनमें गैर मुसलमान, सुरक्षाकर्मी, एक कलाकार और स्थानीय आम नागरिक शामिल हैं. केजरीवाल ने दावा किया कि लगभग 4,500 कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास किया गया और उन्हें प्रधानमंत्री की राहत योजना के तहत घाटी में नौकरी दी गई, लेकिन उन्हें एक प्रतिज्ञा पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा गया कि वे कश्मीर से बाहर काम नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीरी पंडितों की मांग है कि इस प्रतिज्ञा पत्र को रद्द किया जाए... पूरा देश चाहता है कि यह प्रतिज्ञा पत्र रद्द किया जाए. कश्मीरी पंडित बंधुआ मजदूर नहीं हैं, वे जहां चाहें वहां काम करने के लिए स्वतंत्र हैं.’’

आतंकवादियों ने मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चडूरा इलाके में 12 मई को कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या कर दी थी. उसके बाद से सैकड़ों कश्मीरी पंडित प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री पैकेज के तहत 2012 में नौकरी पर रखे गए कश्मीरी पंडित सामूहिक पलायन की धमकी दे रहे हैं. उनकी मांग है कि उन्हें घाटी से बाहर स्थानांतरित किया जाए. इस बीच, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को घाटी से बाहर नहीं भेजा जाएगा, लेकिन सुरक्षित स्थानों पर उनका स्थानांतरण किया जाएगा.

केजरीवाल ने कहा कि केंद्र ने 177 कश्मीरी हिंदुओं का कश्मीर में ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर तबादला किया.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा के सदस्यों ने उस सूची को सोशल मीडिया पर साझा कर दिया. कश्मीरी पंडितों का अब कहना है कि सूची को इस तरह लीक करना आतंकवादियों को एक तरह से न्यौता देना है. तमाम कश्मीरी पंडित इसका विरोध कर रहे हैं और पूछ रहे हैं कि यह सूची क्यों लीक हुई?’’

केजरीवाल ने कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए रैली में शामिल सभी लोगों के साथ दो मिनट का मौन रखा. उन्होंने कहा, ‘‘जब कश्मीरी पंडित हत्याओं का विरोध करने के लिए आवाज उठाते हैं, तो उन्हें उनके इलाकों में बंद कर दिया जाता है. कश्मीरी पंडित केवल सुरक्षा चाहते हैं और कुछ नहीं.’’

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