Maharashtra Border Dispute: सीमा विवाद पर कर्नाटक का रुख उचित, ‘अच्छे परिणाम’ के लिए आश्वस्त- मुख्यमंत्री बोम्मई
बसवराज बोम्मई व एकनाथ शिंदे (Photo Credit : Facebook)

बेंगलुरु/नयी दिल्ली, 29 नवंबर : सीमा विवाद को लेकर महाराष्ट्र के साथ कानूनी लड़ाई के लिए तैयार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने मंगलवार को ‘‘अच्छे परिणाम’’ का भरोसा जताया. उन्होंने यह भी कहा कि संविधान और राज्य पुनर्गठन कानून के तहत कर्नाटक का रुख तर्कसंगत है. उच्चतम न्यायालय में 30 नवंबर को सीमा विवाद से जुड़े एक मामले पर होने वाली सुनवाई के मद्देनजर मुख्यमंत्री नयी दिल्ली में हैं और उन्होंने राज्य के कानूनी पैनल में शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के साथ चर्चा की. बोम्मई ने कहा, ‘‘मैं सीमा विवाद पर रोहतगी से मिला हूं, महाधिवक्ता ने चीजों की जानकारी दी है.

मैंने भी महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी साझा की और हमने कानूनी स्थिति पर चर्चा की. उन्होंने मुझे बताया कि कल के लिए सभी तैयारियां कर ली गई हैं.’’ राष्ट्रीय राजधानी में रोहतगी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बोम्मई ने कहा कि महाराष्ट्र का मामला विचार योग्य है या नहीं, यह महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘‘2017 में उच्चतम न्यायालय के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने मामले पर विचार करने के संबंध में प्रारंभिक मुद्दों को तय किया था, जिसे महाराष्ट्र द्वारा चुनौती दी गई. यह भी पढ़ें : उप्र के बदायूं में चूहे को निर्दयतापूर्वक मारने के मामले में प्राथमिकी दर्ज

इस पर हमारी आपत्तियां या दलील क्या होनी चाहिए, यह तय किया गया है, और हमें विश्वास है कि संविधान तथा राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार कर्नाटक का रुख उचित है. हमें अच्छे परिणाम का भरोसा है.’’ई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद सीमा विवाद 1960 के दशक का है. महाराष्ट्र तत्कालीन ‘बॉम्बे प्रेसीडेंसी’ का हिस्सा रहे बेलगावी पर दावा करता है क्योंकि यहां मराठी बोलने वालों की अच्छी खासी आबादी है. महाराष्ट्र ने 80 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया है जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं.