देश की खबरें | उप्र के बदायूं में चूहे को निर्दयतापूर्वक मारने के मामले में प्राथमिकी दर्ज

बदायूं (उप्र), 29 नवंबर उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र में शुक्रवार को एक चूहे को डुबोकर निर्दयतापूर्वक मरने के आरोप में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है । पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सदर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक हरपाल सिंह बालियान ने बताया कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए के जादौन द्वारा यह स्पष्ट करने पर कि चूहा पशु की श्रेणी में आता है, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर लिया।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपी मनोज कुमार के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 429 (किसी भी जीव जंतु का वध) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर उसको थाने से ही जमानत दे दी है।

उन्होंने कहा कि चूंकि इस अपराध के लिए जेल भेजने का प्रावधान नहीं है, इसलिए उसको जमानत पर छोड़ दिया गया है। हालांकि, कार्रवाई जारी रहेगी।

उन्होंने कहा कि पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके बाद अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

चूहे का शनिवार को बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) में पोस्टमार्टम किया गया था। आईवीआर के वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार ने चूहे के शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम विभाग के प्रभारी अधिकारी डॉ. पवन कुमार ने बताया कि अगले चार-पांच दिन में चूहे की पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट दे दी जाएगी।

बदायूं के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ एके जादौन ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान में चूहे को पशु बताया गया है, इसी आधार पर उसे पशु माना जाता है। संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि किसी जीव की हत्या की जाए, इसलिए प्राथमिकी दर्ज करना जायज है।

इसके पहले बदायूं नगर के पुलिस उपाधीक्षक आलोक मिश्रा ने बताया था कि चूहे को नाले में डुबोकर मारने का शिकायती पत्र आया था जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए आरोपी मनोज कुमार को थाने बुलाकर पूछताछ की गई।

मिश्र ने बताया था कि चूहा पशु की श्रेणी में नहीं आता है इसलिए पशु क्रूरता अधिनियम लागू नहीं होगा।

उल्लेखनीय है कि बदायूं के पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा ने शुक्रवार को बदायूं के बिजली उपकेंद्र के पास मनोज कुमार नाम के व्यक्ति को चूहे की पूंछ में धागे से पत्थर बांधने के बाद उसे नाले में फेंकते देखा था। चूहे को क्रूरता के साथ मारने को लेकर विक्रेंद्र की ओर से बदायूं कोतवाली में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी तो पुलिस ने मनोज को कोतवाली बुलाकर पूछताछ की।

विकेंद्र शर्मा की तहरीर पर सदर कोतवाली पुलिस ने शव को सील कर बदायूं के पशु चिकित्सालय में भिजवाया, लेकिन वहां के कर्मचारियों ने संसाधनों के अभाव में पोस्टमार्टम करने से इंकार कर दिया। इसके बाद मृत चूहे को पोस्टमार्टम के लिए आईवीआरआई बरेली भेज दिया गया था।

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