बेंगलुरु, दो नवम्बर कर्नाटक में दो विधानसभा सीटों- बेंगलुरु शहरी जिला स्थित राजराजेश्वरी नगर और तुमकुरु जिला स्थित सिरा में कोरोना वायरस महामारी के बीच मंगलवार को उपचुनाव होगा।
दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा, जिसमें 3,26,114 महिलाओं सहित 6,78,012 मतदाता मतदान करने के पात्र होंगे।
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इन दोनों सीटों पर उपचुनाव सिरा से विधायक बी सत्यनारायण के निधन और आरआर नगर से कांग्रेस के विधायक मुनिरत्ना के इस्तीफा देने के चलते कराना पड़ रहा है। बी सत्यनारायण जद (एस) से थे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजीव कुमार ने एक बयान में कहा कि आरआर नगर में 678 और सिरा में 330 सहित 1,008 मतदान केंद्र होंगे।
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सूत्रों के मुताबिक, महामारी को देखते हुए थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और मतदान केंद्रों पर हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध होंगे। मतदान केंद्रों के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।
आरआर नगर में उपचुनाव के रिटर्निंग अधिकारी एवं बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका आयुक्त एन मंजूनाथ प्रसाद के अनुसार कोविड-19 संक्रमित लोगों के लिए शाम को वोट डालने के वास्ते अलग से व्यवस्था की गई है।
उपचुनावों में कांग्रेस, भाजपा और जद (एस) सहित कुल 31 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें सिरा में 15 और आरआर नगर में 16 उम्मीदवार शामिल हैं।
आरआर नगर में, भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व विधायक मुनिरत्ना को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व आईएएस अधिकारी दिवंगत डी के रवि की पत्नी एच कुसुमा को टिकट दिया है। वहीं जद (एस) ने वी कृष्णमूर्ति को मैदान में उतारा है।
आरआर नगर कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए एक प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गया है। यह सीट पहले भाजपा के पास थी जिसे मुनिरत्ना ने कांग्रेस विधायक के रूप में छीन लिया था।
यह निर्वाचन क्षेत्र बेंगलुरु ग्रामीण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है, जिसका प्रतिनिधित्व डी के सुरेश करते है, जो कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख डी के शिवकुमार के भाई हैं।
सिरा में, भाजपा, कांग्रेस और जद(एस) ने क्रमश: डॉ राकेश गौड़ा, पूर्व मंत्री टी बी जयचंद्र और पूर्व (जद-एस) विधायक बी सत्यनारायण की पत्नी अम्माजम्मा को मैदान में उतारा है।
भाजपा ने वहां से कभी चुनाव नहीं जीता है, लेकिन इस बार पार्टी कांग्रेस और जद (एस) को चुनौती देने की की कोशिश करेगी।
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बेटे एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने यहां चुनाव अभियान का नेतृत्व किया।
चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा की यहां जमानत जब्त हो गई थी लेकिन मतदाताओं ने इस बार अपनी पार्टी को मौका देने का मन बना लिया है। यदि ऐसा होता है तो जद (एस) के गढ़ में यह एक और सेंध होगी।
भाजपा ने पहले ही जद (एस) से मांड्या में केआर पेट विधानसभा सीट हथिया ली है जो उसका गढ़ था।
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