नयी दिल्ली, तीन सितंबर अभिनेत्री कंगना रनौत ने मंगलवार को अपनी नयी फिल्म ‘भारत भाग्य विधाता’ की घोषणा ऐसे समय की जब वह अपने निर्देशन में बनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से प्रमाणपत्र मिलने का इंतजार कर रही हैं।
फिल्म निर्माताओं के अनुसार, फिल्म में श्रमिक वर्ग के नायकों के अमूल्य योगदान को दिखाया जाएगा, जो पर्दे के पीछे रहकर दिन रात मेहनत करते हैं।
मनोज तपाड़िया फिल्म का निर्देशन करेंगे और इसका कथानक लिखेंगे। फिल्म का निर्माण यूनोइया फिल्म्स और फ्लोटिंग रॉक्स एंटरटेनमेंट करेंगी।
रनौत ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर इसकी घोषणा की।
उन्होंने लिखा, ‘‘बड़े पर्दे पर वास्तविक जीवन के नायकों के जादू का अनुभव कीजिए। ‘भारत भाग्य विधाता’ की घोषणा करके बहुत उत्साहित हूं। बबिता आशिवाल और आदि शर्मा जैसे प्रतिभाशाली निर्माताओं की जोड़ी और दूरदर्शी निर्देशक मनोज तपाड़िया के मार्गदर्शन में बनने जा रही यह फिल्म गुमनाम नायकों को एक सिनेमाई श्रद्धांजलि होगी।’’
अभिनेत्री ने लिखा, ‘‘यूनोइया फिल्म्स और फ्लोटिंग रॉक्स एंटरटेनमेंट की यह पहली फिल्म होगी। ‘भारत भाग्य विधाता’ दर्शकों के साथ गहराई से जुड़ने का वादा करती है और उम्मीद, साहस तथा हालात से उबरकर उठ खड़े होने की प्रेरणा देती है।’’
यूनोइया फिल्म्स की बबिता आशिवाल ने कहा कि ‘भारत भाग्य विधाता’ पर काम करना इनाम मिलने के समान है।
आशिवाल ने एक बयान में कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य ऐसी फिल्म का निर्माण करना है जो दर्शकों को आकर्षित करे। कंगना के इससे जुड़ने से हमें भरोसा है कि फिल्म अच्छा प्रदर्शन करेगी।’’
फ्लोटिंग रॉक्स एंटरटेनमेंट के आदि शर्मा ने कहा, ‘‘इस फिल्म में कंगना के साथ हमारी साझेदारी हुई है। हमारा लक्ष्य ऐसी फिल्म का निर्माण करना है जो सीमाओं से परे जाकर दर्शकों से बेहद भावनात्मक रूप से जुड़े। उच्च विषय-वस्तु वाली फिल्में वास्तव में ब्लॉकबस्टर सफलताओं का भविष्य हैं।’’
इस बीच, रनौत के निर्देशन में बनी ‘इमरजेंसी’ को अब तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से प्रमाणपत्र नहीं मिला है। फिल्म की रिलीज कई बार आगे बढ़ाई गई थी और आखिरकार यह छह सितंबर को रिलीज होने वाली थी। हिमाचल प्रदेश के मंडी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद कंगना इस फिल्म की निर्देशक और सह-लेखिका भी हैं।
फिल्म में रनौत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं। कई सिख धार्मिक संगठनों ने फिल्म की आलोचना करते हुए दावा किया है कि फिल्म से ‘‘सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है’’ और ‘‘भ्रामक सूचनाएं’’ फैल सकती हैं।
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