नयी दिल्ली, 18 जून : रेलवे बोर्ड ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में कंचनजंघा एक्सप्रेस (Kanchanjunga Express) दुर्घटना में प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि मालगाड़ी ने उस खंड पर "दोषपूर्ण" स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली के कारण गति प्रतिबंधों का उल्लंघन किया और "अधिक गति’’ के कारण यात्री ट्रेन से टकरा गई. राज्य के दार्जिलिंग जिले में रानीपतरा रेलवे स्टेशन (आरएनआई)-चत्तर हाट जंक्शन (सीएटी) मार्ग पर सुबह हुई दुर्घटना में सात यात्रियों और दो रेलवे कर्मचारियों की मौत हो गई और 41 लोग घायल हो गए.
बोर्ड ने कहा कि हालांकि मालगाड़ी के चालक को आरएनआई और सीएटी के बीच सभी लाल सिग्नल को पार करने की अनुमति दी गई थी, क्योंकि स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली "दोषपूर्ण" थी, फिर भी ट्रेन की गति इस तरह की स्थिति के लिए निर्धारित स्वीकार्य सीमा से अधिक थी. बोर्ड ने कहा कि मालगाड़ी का चालक "अधिक गति से मालगाड़ी चला रहा था" और इस कारण यह आरएनआई और सीएटी के बीच कंचनजंघा एक्सप्रेस से टकरा गई. बोर्ड ने उन खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दुर्घटना में मारे गए चालक को रानीपतरा के स्टेशन मास्टर द्वारा टीए 912 नामक एक लिखित अनुमति दी गई थी जिसमें उसे सभी लाल सिग्नल पार करने का अधिकार दिया गया था. यह भी पढ़ें : Kanchanjunga Express Train Accident Update: कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे के बाद कई ट्रेनें रद्द, कई के रूट बदले गए, देखें पूरी लिस्ट
बोर्ड ने कहा कि कंचनजंघा एक्सप्रेस के चालक ने स्वचालित सिग्नल प्रणाली में खराबी के दौरान अपनाए जाने वाले मानदंडों का पालन किया, सभी लाल सिग्नल पर एक मिनट तक रुका और 10 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ा, लेकिन मालगाड़ी के चालक ने मानदंडों की "अनदेखी" की जिससे यात्री ट्रेन को पीछे से टक्कर मार दी. इससे पहले एक सूत्र ने बताया कि आरएनआई और सीएटी के बीच स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली सोमवार सुबह 5.50 बजे से खराब थी. सूत्र ने ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘ट्रेन संख्या 13174 (सियालदह-कंचनजंघा एक्सप्रेस) सुबह 8:27 बजे रंगापानी स्टेशन से रवाना हुई और आरएनआई और सीएटी के बीच रुकी रही. ट्रेन के रुकने का कारण पता नहीं है.’’