वाशिंगटन, छह नवंबर एक दशक से भी ज्यादा समय पहले एक पत्रकार ने कमला हैरिस को “महिला ओबामा” कहा था। हालांकि, भारतीय और जमैका के अप्रवासी दंपति की बेटी कमला हैरिस पहले अफ्रीकी-अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की उपलब्धियों की बराबरी करने में विफल रहीं।
हैरिस अमेरिकी राजनीति में शीर्ष मुकाम हासिल करने में असफल रहीं और राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप से हार गईं।
डेमोक्रेटिक नेता की ट्रंप के हाथों कड़े मुकाबले वाले चुनाव में हार ने अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनने के उनके सपने को भी तोड़ दिया। उनके नामांकन से हालांकि महिलाओं में उत्साह पैदा हुआ कि सार्वजनिक जीवन में उनके लिए यह द्वार बंद नहीं हुआ है।
हैरिस (60) के नाम कई अन्य ‘पहली’ उपलब्धियां भी दर्ज हैं। वह सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रह चुकी हैं - इस पद पर चुनी जाने वाली पहली महिला, पहली अफ्रीकी-अमेरिकी और पहली भारतीय मूल की शख्स थीं।
उपराष्ट्रपति के रूप में, वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं। साथ ही, वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली अफ्रीकी-अमेरिकी या भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति भी हैं।
पांच नवंबर के चुनाव से तीन दिन पहले प्रकाशित एक लेख में हैरिस ने बचपन में की गई अपनी भारत यात्रा को याद किया और अपनी दिवंगत मां श्यामला गोपालन को याद किया, जो एक कैंसर शोधकर्ता और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थीं।
हैरिस ने ऑनलाइन दक्षिण एशियाई प्रकाशन ‘द जुगरनॉट’ के लिए लिखे लेख में कहा, “बड़े होने के दौरान, मेरी मां ने मुझे और मेरी बहन को हमारी विरासत का सम्मान करना सिखाया। लगभग हर दूसरे साल हम दिवाली के लिए भारत जाते थे। हम अपने दादा-दादी, चाचाओं और अपनी ‘चिट्टियों’ (चाचियों) के साथ समय बिताते थे।”
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि अमेरिकी एक ऐसा राष्ट्रपति चाहते हैं जो सभी अमेरिकी लोगों के लिए काम करे। उन्होंने कहा, “और यही मेरे पूरे करियर की कहानी रही है।”
हैरिस को यह बड़ा मौका तब मिला जब राष्ट्रपति जो बाइडन ने जुलाई में ट्रंप के साथ राष्ट्रीय स्तर पर टेलीविजन बहस में खराब प्रदर्शन के बाद फिर से चुनाव लड़ने का अपना दावा छोड़ दिया। बाइडन ने चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हैरिस का समर्थन किया।
उन्होंने 2019 में ‘प्राइमरी’ से पहले ही अपने अभियान को धन की कमी के कारण छोड़ दिया था।
बाइडन ने 2016 में उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चुना था। वह किसी प्रमुख पार्टी के टिकट पर उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने वाली तीसरी महिला थीं।
वह सीनेट में केवल तीन एशियाई अमेरिकियों में से एक थीं और उस पद पर सेवा देने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी थीं।
उनकी तुलना देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बराक ओबामा से की जाती है।
एक दशक से भी ज्यादा पहले, पत्रकार ग्वेन इफिल ने “लेट शो विद डेविड लेटरमैन” में हैरिस को “महिला बराक ओबामा” कहा था। बाद में, विलोबी के एक छोटे व्यवसायी टोनी पिंटो ने उन्हें “राष्ट्रपति का युवा व महिला संस्करण” कहा।
उन्हें ओबामा का करीबी माना जाता है, जिन्होंने विभिन्न चुनावों में उनका समर्थन किया था, जिनमें 2016 में अमेरिकी सीनेट, 2020 में उपराष्ट्रपति और 2024 में राष्ट्रपति चुनाव शामिल हैं।
हैरिस अप्रवासी माता-पिता की संतान हैं: अश्वेत पिता और भारतीय मां। उनके पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका से हैं और उनकी मां, श्यामला गोपालन 1958 में चेन्नई से अमेरिका आ गईं। हालांकि, वह खुद को “अमेरिकी” के रूप में परिभाषित करती हैं।
अपने माता-पिता के तलाक के बाद, हैरिस का पालन-पोषण मुख्य रूप से उनकी हिंदू मां ने किया। वह कहती हैं कि उनकी मां ने अश्वेत संस्कृति को अपनाया और अपनी दो बेटियों - कमला और उनकी छोटी बहन माया - को इसमें शामिल किया। हैरिस अपनी भारतीय संस्कृति को अपनाते हुए बड़ी हुईं, लेकिन गर्व से अफ्रीकी अमेरिकी जीवन जी रही थीं।
उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘द ट्रुथ्स वी होल्ड’ में लिखा है, “मेरी मां यह अच्छी तरह समझती थीं कि वह दो अश्वेत बेटियों का पालन-पोषण कर रही हैं।” उन्होंने लिखा, “वह जानती थीं कि उनकी अपनायी हुई मातृभूमि माया और मुझे अश्वेत लड़कियों के रूप में देखेगी और वह यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ थी कि हम आत्मविश्वासी, गौरवान्वित अश्वेत महिलाओं के रूप में विकसित हों।”
हैरिस का जन्म ऑकलैंड में हुआ और वह बर्कले में पली-बढ़ीं। उन्होंने अपने हाई स्कूल के साल फ्रेंच भाषी कनाडा में बिताए जबकि उनकी मां मॉन्ट्रियल में मैकगिल यूनिवर्सिटी में पढ़ाती थीं।
हैरिस की प्रचार अभियान वेबसाइट के अनुसार, “हैरिस का पालन-पोषण एक मध्यम-वर्गीय परिवार में एक कामकाजी मां ने किया, जिन्होंने उन्हें अमेरिका के वादे पर विश्वास करना सिखाया। उनकी मां ने उन्हें कड़ी मेहनत का मूल्य भी सिखाया, कमला को अपने ‘स्तन कैंसर अनुसंधान प्रयोगशाला’ भी लेकर गयीं और बचपन में उन्हें परखनली साफ करना सिखाया।”
उन्होंने अमेरिका में कॉलेज में पढ़ाई की और हॉवर्ड विश्वविद्यालय में चार साल बिताए, जिसे उन्होंने अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण अनुभवों में से एक बताया। हॉवर्ड के बाद, उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, हेस्टिंग्स से कानून की डिग्री हासिल की और अल्मेडा काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय में अपना कैरियर शुरू किया।
वह 2003 में सैन फ्रांसिस्को की शीर्ष अभियोजक बनीं, तथा 2010 में कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल के रूप में सेवा करने वाली पहली महिला और पहली अश्वेत व्यक्ति चुनी गईं, जो अमेरिका के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य का शीर्ष वकील होता है।
अटॉर्नी जनरल के रूप में अपने लगभग दो कार्यकालों में, हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी के उभरते सितारों में से एक के रूप में ख्याति प्राप्त की। उन्होंने 2017 में अमेरिकी सीनेट में शपथ ली, जहां उन्होंने भूख से लड़ने, किराया राहत प्रदान करने, मातृ स्वास्थ्य देखभाल में सुधार करने, छोटे व्यवसायों के लिए पूंजी तक पहुंच का विस्तार करने, अमेरिका के बुनियादी ढांचे को पुनर्जीवित करने और जलवायु संकट से निपटने के लिए कानून पर जोर दिया।
हैरिस पिछले 10 सालों से वकील डगलस एमहॉफ से विवाहित हैं। वह दो बच्चों, एला और कोल की सौतेली मां हैं, जो उनके “प्यार और शुद्ध आनंद का अंतहीन स्रोत हैं।”
उपराष्ट्रपति के रूप में उनकी भूमिका सिर्फ प्रतीकात्मक से कहीं ज्यादा थी। अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत, बाइडन के राष्ट्रपतित्व काल में उनके पास काफी शक्ति थी।
सीनेट की अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने दोनों पक्षों के बीच मतदान में बराबरी की स्थिति में इतिहास में किसी उप-राष्ट्रपति द्वारा सबसे अधिक बार डाले गए निर्णायक (टाई-ब्रेकिंग) मतों का नया रिकॉर्ड बनाया - जो लगभग 200 वर्षों से चले आ रहे रिकॉर्ड से भी आगे निकल गया। और उनके वोट महत्वपूर्ण रहे हैं।
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