देश की खबरें | न्यायाधीशों को आरोपों को खारिज करने के लिए नार्को-विश्लेषण परीक्षण से गुजरना चाहिए: न्यायमूर्ति भट

बेंगलुरू, छह अगस्त कर्नाटक उच्च न्यायालय से इस सप्ताह सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति पी कृष्णा भट ने एक कठोर सुझाव दिया है कि यदि न्यायाधीशों, लोकायुक्तों और अन्य उच्च अधिकारियों के विरूद्ध आरोप लगता है तो उन्हें (न्यायाधीशों आदि को) पर स्वयं को नार्को-जांच के लिए पेश करना चाहिए।

न्यायमूर्ति भट बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय में उनके लिए आयोजित विदाई समारोह में बोल रहे थे।

न्यायाधीश ने कहा, "यह बेतुका और कठोर लग सकता है। न्यायाधीशों, न्यायिक अधिकारियों और लोकायुक्त/उप लोकायुक्त आदि जैसे अन्य उच्च अधिकारियों को नार्को-विश्लेषण परीक्षण के लिए स्वयं को पेश करना चाहिए।"

उन्होंने कहा, ‘‘यह तब लागू किया जाना चाहिए जब न्यायाधीशों के विरुद्ध आरोप लगाये जाते हैं और यदि यह महसूस होता है कि शिकायत अभिप्रेरित और झूठी है तो भी शिकायतकर्ता को ऐसे परीक्षणों से गुजरना चाहिए।’’

न्यायमूर्ति भट ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता के विभिन्न पहलुओं पर भी अपने विचार प्रकट किये। उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल का अत्यधिक अनुपालन एक मिथ्याभिमान है, जिससे न्यायाधीशों को बचना चाहिए।

न्यायमूर्ति भट ने कहा, "मेरे विचार से न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा एक मिथक है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता किसी न्यायाधीश विशेष के निष्पक्ष रहने से कायम होती है।"

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