खांसी की नकली दवाई पीकर मरने वाले 12 बच्चों के परिजनों को जम्मू-कश्मीर ने अनुग्रह राशि दी : एनएचआरसी

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की सिफारिशों पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 12 बच्चों के परिजनों को राहत के रूप में 36 लाख रुपये का भुगतान किया है, जो उधमपुर में “नकली कफ सिरप” के सेवन के बाद मौत का शिकार हो गए थे.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo: PTI)

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की सिफारिशों पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 12 बच्चों के परिजनों को राहत के रूप में 36 लाख रुपये का भुगतान किया है, जो उधमपुर में “नकली कफ सिरप” के सेवन के बाद मौत का शिकार हो गए थे. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. एनएचआरसी ने कहा कि यह घटना दिसंबर 2019 और जनवरी 2020 के दौरान उधमपुर के रामनगर में हुई थी. उसने एक बयान में कहा कि आयोग ने 30 अप्रैल, 2020 की एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था.

इसमें कहा गया, “राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सिफारिशों पर, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आखिरकार उन 12 शिशुओं के परिजनों को 36 लाख रुपये की मौद्रिक राहत का भुगतान किया है, जिनकी खांसी की दवाई पीने से मौत हो गई थी, बाद में पाया गया कि दवा नकली थी.” बयान के मुताबिक, आयोग के नोटिस के जवाब में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने कहा था कि “उसके औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से किसी भी तरह के लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं थी: गुणवत्ता वाली दवाओं का निर्माण मुख्य रूप से निर्माण कंपनी और विभाग की जिम्मेदारी है. पहले ही सक्षम अदालत में इसके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज करायी जा चुकी है.” यह भी पढ़ें : Bihar: राज्य में शराब के अवैध रैकेट पर पुलिस कसेगी एआई उपकरणों के जरिए नकेल

बयान में कहा गया, “आयोग ने दलील को अस्वीकार्य पाया और देखा कि मामले में चूक से इनकार नहीं किया गया था, लेकिन औषधि विभाग जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता था.” आयोग ने कहा, “यह देखा गया कि विभाग अपने अधिकार क्षेत्र में बेची जाने वाली दवा के संदूषण और सामग्री पर नियमित निगरानी रखने में विफल रहा है और इसलिए राज्य लापरवाही के लिए प्रत्येक पीड़ित परिवार को 3 लाख रुपये की मौद्रिक राहत के भुगतान के लिए जिम्मेदार है.”

Share Now

\