रांची, एक मार्च झारखंड की झामुमो-नीत सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न मुद्दे उठाए।
कांग्रेस के विधायक उमा शंकर अकेला ने सहायक नर्स एवं मिडवाइफ (एएनएम), लैब सहायक, एक्स-रे तकनीशियन, पोषण दीदी और फार्मासिस्ट समेत 2,000 से अधिक अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित नहीं करने पर चिंता जताई।
अकेला ने दावा किया कि एक दशक से अधिक समय तक सेवा देने के बावजूद, इन कर्मचारियों को अब तक नियमित नहीं किया गया है।
इसके जवाब में, झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एक कार्यक्रम के तहत नियुक्त किया गया था।
गुप्ता ने कहा, “इन स्वास्थ्य कर्मियों का पारिश्रमिक कम है। मैं इस मुद्दे को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष उठाता रहा हूं।”
कांग्रेस के एक अन्य विधायक राजेश कच्छप ने अपने विधानसभा क्षेत्र के प्राथमिक व उप-स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों, नर्सों और दवाओं की कमी का जिक्र किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में चिकित्सकों की कमी को स्वीकार किया और कहा कि यह एक राष्ट्रव्यापी मुद्दा है। उन्होंने कच्छप को आश्वासन दिया कि वह उनके निर्वाचन क्षेत्र में लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे।
गुप्ता ने आश्वासन देते हुए कहा, “न केवल झारखंड में, बल्कि पूरे देश में चिकित्सकों की कमी है। उनके निर्वाचन क्षेत्र में 25 उप-स्वास्थ्य केंद्र, दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। मैं वहां के लोगों की समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करूंगा।”
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