विदेश की खबरें | जापान: शक्तिशाली भूकंप के कारण ध्वस्त हुई इमारतों के मलबे में फंसे जीवित लोगों की तलाश
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

जापान के इशिकावा प्रांत और आसपास के इलाकों में सोमवार की दोपहर आये भूकंप की तीव्रता 7.6 थी। इसके पश्चात एक के बाद एक झटके (ऑफ्टर शॉक) महसूस किये गये। इस प्राकृतिक आपदा में जान-माल का गहरा नुकसान हुआ है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की आपदा में विशेष रूप से शुरुआती 72 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि तीन दिनों के बाद किसी के जीवित बचने की संभावना बेहद कम रह जाती है।

प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘40 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। यह समझ लीजिए कि हम एक तरह से समय के साथ दौड़ लगा रहे हैं और मुझे लगता है कि हम एक नाजुक दौर में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें खबरें मिली हैं कि कई लोग अभी भी ध्वस्त हुई इमारतों के मलबे में दबे हैं और बचाव का इंतजार कर रहे हैं।’’

राहत अधिकारी प्रभावित लोगों तक पानी, कपड़े, भोजन और अन्य सामग्री पहुंचा रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में अभी भी पानी, बिजली और फोन सेवाएं बाधित हैं।

भूकंप के कारण जिन शहरों में भारी क्षति हुई, उनमें सुजु भी शामिल है। यहां के मेयर मासुहिरो इजुमिया ने कहा, ‘‘शायद ही कोई घर सही सलामत बचा हो, घर या तो आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं या फिर पूरी तरह तबाह हो गये हैं।’’

मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए सेना और दमकलकर्मियों के अलावा, खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। हालांकि, ऐसे लोगों की सटीक संख्या स्पष्ट नहीं है।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान में इशिकावा में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। भारी वर्षा से भूस्खलन होने की आशंका है। तापमान भी शून्य से नीचे पहुंच गया है।

इशिकावा के प्रांतीय अधिकारियों के अनुसार, मृतकों में से 29 लोग वाजिमा शहर के और 22 सुजु शहर के थे। आसपास के प्रान्तों के भी कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

वाजिमा में दो अन्य मौतों की आधिकारिक पुष्टि होना अभी बाकी है। इसके बाद मरने वालों की संख्या 64 तक पहुंच सकती है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा, ‘‘जापान के लोगों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता हूं। हम अपनी ओर से सहायता की पेशकश करते हैं और जो भी सहायता मांगी जाएगी, वह प्रदान करने के लिए हम तैयार हैं।’’

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