श्रीनगर, नौ अक्टूबर जम्मू कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने बुधवार को कहा कि पार्टी जम्मू क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में अपने निराशाजनक प्रदर्शन पर आत्ममंथन करेगी।
कर्रा ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान प्रशासन की ओर से कुछ चूक हुई या कुछ जानबूझकर प्रयास किए गए।
कर्रा ने यहां ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘हमें इसके लिए बहुत खेद है, हम इसका आत्ममंथन करेंगे। लेकिन अन्य कारक भी हैं। प्रशासन की ओर से चूक हुई, या कुछ जानबूझकर प्रयास किए गए - पुलिस द्वारा स्थापित सभी जांच चौकी आखिरी तीन दिनों के दौरान हटा ली गईं और पैसे एवं शराब का वितरण किया गया।’’
कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष कर्रा ने पार्टी के जम्मू कश्मीर प्रभारी भरत सोलंकी के साथ अब्दुल्ला परिवार से उनके आवास पर मुलाकात की और विधानसभा चुनाव में जीत पर उन्हें बधाई दी।
कर्रा ने कहा कि लोगों का जनादेश भाजपा की ‘‘घृणा की राजनीति और उनकी दमनकारी नीतियों’’ के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह उनकी विभाजनकारी नीतियों, नफरत फैलाने, लोगों पर संविधान, विधिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक स्तर पर उनके अत्याचारों के खिलाफ है। लोगों ने इसके खिलाफ वोट दिया है।’’
कर्रा ने कहा कि पार्टी राज्य के दर्जे की बहाली के लिए लड़ेगी और ‘‘संघर्ष अब नये सिरे से शुरू होगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों दलों के बीच सरकार गठन को लेकर कोई चर्चा हुई है, कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई प्रमुख कर्रा ने कहा कि अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल पार्टी की ओर से उन्हें बधाई देने आए थे। हमने अब्दुल्ला (फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला) को औपचारिक रूप से बधाई दी। उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि उनकी विधायक दल की बैठक होनी है, फिर वे गठबंधन सहयोगी से बात करेंगे। हमें उनके विधायक दल की बैठक का इंतजार करना होगा।’’
वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त किये जाने के बाद जम्मू कश्मीर में हुए पहले चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की।
हालांकि, कांग्रेस का अकेले का प्रदर्शन अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है क्योंकि जम्मू क्षेत्र में उसके 29 उम्मीदवारों में से केवल एक ही जीत पाया, जबकि दो कार्यकारी अध्यक्षों सहित उसके प्रमुख नेता चुनाव हार गए।
कांग्रेस ने कहा था कि जम्मू क्षेत्र में परिणाम पार्टी की उम्मीदों के अनुरूप नहीं हैं और हार पर विस्तृत प्रतिक्रिया मांगी जाएगी।
कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन में चुनाव लड़ी थी और उसने 32 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें से ज्यादातर जम्मू क्षेत्र में थे, जबकि क्षेत्रीय पार्टी ने 51 उम्मीदवार उतारे थे।
इसके अतिरिक्त, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (जेकेएनपीपी) को एक-एक सीट दी गई थी, जबकि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों ने पांच सीट पर 'दोस्ताना मुकाबला' किया था।
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