श्रीनगर, 17 नवंबर जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली सरकार ने अपने पहले महीने के कार्यकाल में लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने और बढ़ती बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार ने कार्यभार संभालने के बाद से केंद्र-शासित प्रदेश में बिजली की कमी को दूर करने के लिए 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली आपूर्ति के अलावा कई उपाय किए हैं।
जम्मू-कश्मीर में खासकर सर्दियों के महीनों में लोगों को बिजली की कमी से जूझना पड़ता है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) नेता उमर अब्दुल्ला ने 16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उमर 2019 के बाद केंद्र-शासित प्रदेश में पहली निर्वाचित सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया था। उमर ने पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद पुलिस को उनके आवागमन के लिए ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाने से परहेज करने का निर्देश दिया। यह निर्णय वीआईपी यातायात के कारण होने वाले व्यवधानों को कम करने और जनता की सुविधा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से लिया गया था।
उमर ने केंद्र-शासित प्रदेश के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने की कोशिशों के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ कई बैठकों के लिए राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा की थी।
उन्होंने जन सेवा में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता के तहत लोगों की शिकायतों से निपटने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाने के वास्ते वरिष्ठ अधिकारियों की एक समर्पित टीम के साथ श्रीनगर में अपने आधिकारिक आवास को एक सार्वजनिक निवारण एवं कल्याण कार्यालय में बदल दिया।
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