नयी दिल्ली, आठ जनवरी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने मंगलवार को कर्नाटक और हरियाणा के संबंध में स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) की व्यापक समीक्षा बैठकें कीं तथा ग्रामीण स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के आगे का मार्ग तैयार किया।
इन समीक्षा बैठकों में वित्त वर्ष 2024-25 में इन दोनों राज्यों द्वारा हासिल की गयी प्रगति का मूल्यांकन किया गया।
अपने संबोधन में पाटिल ने खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) ‘प्लस मॉडल’ गांव का दर्जा प्राप्त करने में राज्यों की प्रगति की सराहना की तथा कहा कि हरियाणा के 37 प्रतिशत गांवों और कर्नाटक के 18 प्रतिशत गांवों को ‘ओडीएफ-प्लस मॉडल’ गांव घोषित किया जा चुका है।
उन्होंने बाकी फासले को दूर करने की जरूरत पर बल दिया।
पाटिल ने कहा, ‘‘हरियाणा और कर्नाटक दोनों को स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में क्षेत्रीय रूप से अग्रणी बनने का प्रयास करना चाहिए। इन उपलब्धियों को कायम रखने और लक्षित प्रयासों को आगे बढ़ाने से ग्रामीण समुदायों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित होगा।’’
हरियाणा के 6,619 गांवों में से 97 प्रतिशत (6,419) को ‘ओडीएफ-प्लस’ घोषित किया जा चुका है, जबकि 2,500 गांवों ने ‘ओडीएफ-प्लस मॉडल’ का दर्जा हासिल कर लिया है। इनमें से 1,855 गांवों का सत्यापन भी हो चुका है।
मंत्रालय के एक बयान के अनुसार हरियाणा में शौचालय की उपलब्धता एवं उपयोग शत प्रतिशत तक पहुंच गया है।
ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) परिसंपत्तियों की कार्यक्षमता सुनिश्चित करने और प्रगति की पुष्टि के लिए जमीनी स्तर पर जांच करने के प्रयास जारी हैं।
कर्नाटक ने भी उल्लेखनीय प्रगति की है और 4,873 गांवों को ‘ओडीएफ-प्लस मॉडल’ घोषित किया गया है। राज्य में 99.3 प्रतिशत गांव ठोस अपशिष्ट का प्रभावी ढंग से प्रबंधन कर रहे हैं।
कर्नाटक ने 1,905 गांवों को ‘फेकल स्लज मैनेजमेंट (एफएसएम) सिस्टम’ से जोड़ा है।
बयान में कहा गया है कि मार्च 2025 तक सभी 26,484 गांवों के लिए ‘ओडीएफ-प्लस मॉडल’ का दर्जा हासिल करने के लक्ष्य के साथ, राज्य महत्वपूर्ण प्रगति करने की राह पर है।
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