कोलंबो, 29 मार्च विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यहां बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक से इतर अपने नेपाली और भूटानी समकक्षों से मुलाकात की और संपर्क, ऊर्जा और जल विद्युत परियोजनाओं में सहयोग पर चर्चा की।
जयशंकर ने ट्वीट किया, “बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का से मिलकर अच्छा लगा। संपर्क, ऊर्जा, उर्वरक, स्वास्थ्य और बिजली में हमारे सहयोग पर चर्चा की। रामायण सर्किट को आगे बढ़ाने पर ध्यान देने पर भी सहमति बनी।”
कोलंबो में 18वीं बिम्स्टेक मंत्रिस्तरीय बैठक में मंगलवार को जयशंकर ने हिस्सा लिया। विदेश मंत्री ने कहा कि बिम्सटेक के सदस्य देशों को आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ के खिलाफ निश्चित रूप से साथ मिलकर लड़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बंदरगाह केंद्रों, नौका सेवाओं, तटीय जहाजरानी, ग्रिड कनेक्टिविटी और मोटर वाहनों की आवाजाही पर सहयोग महत्वपूर्ण है।
उन्होंने भूटान के विदेश मंत्री से भी मुलाकात की और विभिन्न परियोजनाओं और पहलों की समीक्षा की।
उन्होंने ट्वीट किया, “हमेशा की तरह भूटान के विदेश मंत्री को देखकर खुशी हुई। जलविद्युत क्षेत्र में हमारे लंबे समय से चले आ रहे सहयोग पर चर्चा की। कई अन्य परियोजनाओं और पहलों की समीक्षा की। हाल ही में अपने प्रशिक्षण संस्थानों में देखी गई भूटानी प्रतिभाओं के बारे में बात की। अपनी भागीदारी जारी रखने के लिए तत्पर हैं।”
इस बीच, नेपाल के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, “विदेश मंत्री डॉ. नारायण खड़का ने कोलंबो में 18वीं बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक के मौके पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात की। प्रधानमंत्री की भारत यात्रा की चल रही तैयारियों सहित मामलों पर बैठक में चर्चा की गई।”
जयशंकर सोमवार को यहां पहुंचे थे और श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। श्रीलंका को मौजूदा आर्थिक संकट से उबारने के लिए भारत द्वारा आर्थिक राहत पैकेज देने के बाद से यह द्वीपीय राष्ट्र की उनकी पहली यात्रा है।
भारत और श्रीलंका के अलावा, बिम्सटेक में बांग्लादेश, म्यांमा, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं।
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