विदेश की खबरें | जयशंकर ने कतर के विदेश, रक्षा मंत्रियों से मुलाकात की, द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा

दोहा, 15 जून विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कतर के विदेश व रक्षा मंत्रियों से मुलाकात कर द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की और वैश्विक क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया। यह एक हफ्ते के अंदर विदेश मंत्री का खाड़ी देश का दूसरा दौरा है।

जयशंकर ने केन्या के शीर्ष नेतृत्व के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति समेत वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के एक दिन बाद दोहा में अपने समकक्ष मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी के साथ मुलाकात की, जो कतर के उप प्रधानमंत्री भी हैं।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “दोहा में आज कतर के उप प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी के साथ अच्छी मुलाकात हुई। कोविड की दूसरी लहर के दौरान कतर द्वारा प्रदर्शित एकजुटता की सराहना की। हमारे द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने मत साझा किए।”

बाद में उन्होंने एक और उप प्रधानमंत्री तथा रक्षा राज्य मंत्री खालिद बिन मोहम्मद अल अतिया से मुलाकात की और वैश्विक व क्षेत्रीय विषयों पर उनसे चर्चा की।

जयशंकर ने ट्वीट किया, “कतर के उप प्रधानमंत्री और रक्षा राज्य मंत्री खालिद बिन मोहम्मद अल अतिया से अच्छी मुलाकात हुई। वैश्विक और क्षेत्रीय विकास पर हमारी चर्चा को महत्व दिया। अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को बढ़ाने को लेकर हम संकल्पित हैं।”

दिलचस्प बात यह है कि जयशंकर का दोहा दौराऐसे वक्त हो रहा है, जब अमेरिकी सेना 11 सितंबर से पहले युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान से निकलने की तैयारी कर रही है।

अमेरिका और तालिबान ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में शांति और अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ करने के लिये कई दौर की बातचीत के बाद 29 फरवरी 2020 में दोहा में एक ऐतिहासिक समझौते पर दस्तखत किये थे।

भारत अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता का अहम हितधारक है और राष्ट्रीय शांति व सुलह प्रक्रिया का समर्थन करता है, जो अफगान नेतृत्व वाली, अफगानों के स्वामित्व वाली और अफगान नियंत्रित हो। कुवैत के रास्ते में जयशंकर कुछ वक्त के लिये नौ जून को दोहा में रुके थे।

जयशंकर ने बुधवार नौ जून को कतर के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोहम्मद बिन अहमद अल मसनद से मुलाकात की और कोविड-19 महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में खाड़ी देश के सहयोग देने तथा एकजुटता जताने के लिए उनका आभार जताया।

इस मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया था, ‘‘कतर के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोहम्मद बिन अहमद अल मसनद से मिलकर प्रसन्नता हुई। क्षेत्र में तथा उसके आगे विकास पर उनके विचारों की सराहना करता हूं। कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में सहयोग देने तथा एकजुटता जताने के लिए उनका आभार।’’

कतर में कई लाख भारतीय रहते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक दोनों देशों के बीच 2019-20 में 10.95 अरब डॉलर का कारोबार था।

जयशंकर पूर्वी अफ्रीकी देश के साथ भारत के रिश्तों को और मजबूती देने के लिये शनिवार को तीन दिवसीय यात्रा पर केन्या पहुंचे थे। उन्होंने केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र सौंपा।

केन्या के दौरे से पहले जयशंकर अपने पहले द्विपक्षीय दौरे पर बृहस्पतिवार को कुवैत पहुंचे थे।

उन्होंने अपने कुवैती समकक्ष शेख अहमद नासिर अल-मोहम्मद अल-सबा से बृहस्पतिवार को “उपयोगी चर्चा” की और इस दौरान दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य, खाद्य, शिक्षा, ऊर्जा, डिजिटल और कारोबारी सहयोग समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की।

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