इस्लामाबाद, 12 जून : अपने पुराने रुख से पीछे हटते हुए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मौजूदा राजनीतिक तनाव को कम करने के लिए सरकार से बातचीत के लिए हरी झंडी दे दी है. इससे पहले उन्होंने सत्ताधारी गठबंधन के साथ बातचीत से इनकार कर दिया था. जेल में बंद इमरान का विचार उस समय बदला जब देश के भ्रष्टाचार कानूनों में बदलाव के मामले की सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी को सरकार से बातचीत शुरू करनी चाहिए और संसद में बातचीत के जरिए अपने मुद्दों को सुलझाना चाहिए.
पीटीआई इमरान की पार्टी है. इमरान अभी अडियाला जेल में बंद हैं. पीटीआई नेता गौहर अली खान ने जेल के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंगलवार को कहा कि इमरान खान ने सरकार से बातचीत के लिए हरी झंडी दे दी है. उन्होंने कहा कि पार्टी शुरू में अपने सहयोगियों को विश्वास में लेगी, लेकिन इस मुद्दे पर अकेले भी आगे बढ़ सकती है. गौहर ने कहा, "हमने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक (इमरान) से कहा कि बातचीत जरूरी है, क्योंकि दूरियां बढ़ रही हैं. वह इस पर हमसे सहमत थे." गौहर के अनुसार, इमरान खान (71) चाहते हैं कि बातचीत के रास्ते खुलें. जियो टीवी ने गौहर के हवाले से कहा, "पीटीआई संस्थापक ने कई बार कहा है कि उनके साथ जो हुआ, वह उसे माफ करने के लिए तैयार हैं. यह भी पढ़ें : राष्ट्रपति चुनाव श्रीलंका के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण: राष्ट्रपति विक्रमसिंघे
यह पूछे जाने पर कि क्या बातचीत उच्चतम न्यायालय की सलाह के तहत होगी, गौहर ने कहा: "उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है." हालांकि उन्होंने जोर दिया कि बातचीत करना पीटीआई का "अपना निर्णय" है. गौहर ने कहा कि पार्टी पख्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी के प्रमुख महमूद खान अचकजई से बातचीत के बाद अपनी चर्चा शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि अचकजई और अन्य दलों के साथ गठबंधन है और उनकी पार्टी उन्हें विश्वास में लेगी. पार्टी प्रमुख ने कहा, "गठबंधन स्तर पर भी बातचीत हो सकती है. पीटीआई खुद भी पहल कर सकती है."