देश की खबरें | अध्यादेशों के माध्यम से शासन करना लोकतंत्र के लिए सही नहीं: केरल के राज्यपाल

तिरुवनंतपुरम/नयी दिल्ली, आठ अगस्त वाम सरकार द्वारा जारी केरल लोकायुक्त (संशोधन) अध्यादेश सहित कई अध्यादेशों की अवधि सोमवार को समाप्त हो रही है जिस पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इस तरह के माध्यम से शासन करना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।

खान ने कहा कि वह अध्यादेशों पर विचार किए बिना उनकी अवधि नहीं बढ़ाएंगे।

उन्होंने कहा कि जिस दिन वह ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समिति की बैठक में भाग लेने के लिए राज्य से दिल्ली के लिए रवाना हो रहे थे, उस दिन उन्हें 13-14 अध्यादेश भेजे गए थे और उनके पास उन सभी को देखने का समय नहीं था।

राज्यपाल ने राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे उन्हें पढ़ने के लिए समय चाहिए। मुझे उन पर विचार करना होगा। क्या आप चाहते हैं कि मैं बिना सोचे-समझे उन पर हस्ताक्षर कर दूं? हमें लोकतंत्र की भावना को बनाए रखना चाहिए और अध्यादेशों के माध्यम से शासन करना कोई ऐसी चीज नहीं है जो लोकतंत्र के लिए सही हो।’’

खान ने कहा, ‘‘ विशेष आपात स्थितियों में आप अध्यादेश ला सकते हैं। इसके बाद विधानसभा सत्र में इसे पारित किया जाता है। ऐसा नहीं हो सकता कि आप बार-बार अध्यादेश लाते रहें। यदि आप अध्यादेशों के माध्यम से शासन करेंगे, तो विधानसभा क्यों है?’’

केरल लोकायुक्त (संशोधन) अध्यादेश में यह प्रावधान है कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री या राज्य सरकार सक्षम प्राधिकार होंगे और वे लोकायुक्त की घोषणा को स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं।

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