भोपाल, 27 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वह देश में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी दो करोड़ महिलाओं को लखपति बनाना चाहते हैं।
मध्य प्रदेश के देवास जिले में चल रही ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के तहत विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के लाभार्थियों के साथ वर्चुअल बातचीत के दौरान, मोदी ने अपने प्रयास में एक महिला से मदद मांगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं देश में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी दो करोड़ महिलाओं को लखपति बनाना चाहता हूं।’’
मोदी ने रुबीना खान नामक एक महिला से बात की और उससे पूछा कि क्या वह उनके प्रयासों में उनकी मदद करेगी। जब महिला से विशेष रूप से पूछा गया कि वह अपने समूह की कितनी महिलाओं को लखपति बनाना चाहती हैं, तो महिला ने जवाब दिया, ‘‘मैं देश की हर महिला को लखपति बनाना चाहती हूं।’’
इस पर प्रधानमंत्री ने चुटकी ली कि यह (रुबीना की प्रतिक्रिया) एक राजनीतिक उत्तर है। इस पर समूह में मौजूद सभी लाेग हंस पड़े।
इसके बाद मोदी ने मौके पर मौजूद महिलाओं से कहा कि अगर वे लखपति बनना चाहती हैं तो हाथ उठाएं, जिस पर सभी ने सकारात्मक जवाब दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके पास महिलाओं के लिए बहुत काम है लेकिन उन्हें ऐसी पहल में उनका समर्थन करना होगा, जिस पर सभी ने एक स्वर में उत्तर दिया कि वे उनके सपनों को साकार करने के लिए काम करेंगे।
रूबीना ने कहा कि वह ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 1.03 लाख महिलाओं की ओर से प्रधानमंत्री को शुभकामनाएं देना चाहती हैं, जिस पर मोदी ने आश्चर्य व्यक्त किया और उनसे वह संख्या दोहराने के लिए कहा जिसका वह उल्लेख कर रही थीं।
उन्होंने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि एक स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद, उन्होंने उनकी सोसायटी से 5,000 रुपये का ऋण लिया और अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर कपड़े बेचना शुरू किया।
रूबीना ने बताया कि जब उनके काम का विस्तार हुआ, तो उन्होंने और उनके पति ने एक सेकंड हैंड मारुति वैन खरीदने का फैसला किया, जिससे एक बार फिर मोदी को आश्चर्य हुआ और उन्होंने उन्हें उस वाहन को दोहराने के लिए कहा जो रूबीना ने खरीदा था।
मोदी ने कहा ,‘‘ आपके पास एक मारुति वैन है जबकि मेरे पास एक साइकिल भी नहीं है।’’ इस पर समूह की महिलाओं की फिर हँसी छूट पड़ी।
रूबीना ने कहा कि उनका व्यवसाय बढ़ गया है और उन्होंने देवास में एक दुकान ले ली है एवं अब वह अच्छा काम कर रही हैं।
उन्होंने मोदी को यह भी बताया कि ‘क्लस्टर रिसोर्स पर्सन’ (सीआरपी) के रूप में उन्हें और उनके समूह की महिलाओं को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मिल रही है और वे जिले के 40 गांवों में एसएचजी बनाकर उनका लाभ उठा रही हैं।
कोविड-19 अवधि का जिक्र करते हुए, रूबीना ने कहा कि शुरुआती प्रतिरोध के बाद, उनके समूह की महिलाओं ने घातक वायरस से निपटने के लिए मास्क, सैनिटाइजर और किट बनाने का फैसला किया और उनमें से प्रत्येक ने उस गतिविधि से 60,000 से 70,000 रुपये तक कमाए हैं। यह सुनकर मोदी भी हैरान रह गए।
उन्होंने कहा कि इस तरह के काम से उन्होंने न केवल देश की सेवा की है बल्कि कठिन समय में कमाई का रास्ता भी ढूंढ लिया है।
प्रधानमंत्री ने रूबीना से उनके बच्चों के बारे में भी पूछा और वे पढ़ रहे हैं या नहीं, इस पर उन्होंने कहा कि उनकी दो बेटियां 10वीं कक्षा तक पढ़ी हैं और उनका एक बेटा भी है। मोदी ने उन्हें अपनी बेटियों को आगे पढ़ाने की सलाह दी।
रूबीना ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि वह अपने बेरोजगार बेटे के लिए टवेरा गाड़ी लेकर आई हैं।
महिला ने प्रधानमंत्री को बताया कि बैंक अधिकारियों की एक टीम ने उनके गांवों का दौरा कर उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
मोदी ने रूबीना के आत्मविश्वास की भी सराहना की और कहा कि महिलाओं का यह (आत्मविश्वास) ही देश को 'आत्मनिर्भर' बना देगा।
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