विदेश की खबरें | ''ईरान साइबर गतिविधियां बढ़ा रहा जिनका उद्देश्य अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करना हो सकता है''
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

इसने कहा कि एक मामले में तो ‘ईमेल फिशिंग’ हमले के जरिए राष्ट्रपति चुनाव प्रचार अभियान को निशाना बनाया जा रहा है।

निजी या आपके ऑनलाइन खातों की जानकारी चुराने की कोशिश को ‘फिशिंग’ कहते हैं। इसके लिए, धोखाधड़ी वाले ईमेल, संदेश, विज्ञापनों या ऐसी साइट का इस्तेमाल किया जाता है जो उन साइट की तरह दिखती हैं, जिनका आप पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं।

माइक्रोसॉफ्ट की नई खुफिया रिपोर्ट के निष्कर्ष बताते हैं कि ईरान, जो हाल के अमेरिकी चुनावों में सक्रिय रहा है, एक अन्य चुनाव के लिए अपनी रणनीति विकसित कर रहा है, जिसके वैश्विक प्रभाव होने की आशंका है।

इस बीच ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने इस बात से इनकार किया है कि उसकी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने या साइबर हमले करने की कोई योजना है।

रिपोर्ट में अमेरिका में अराजकता फैलाने के अलावा ईरान के इरादों के बारे में कुछ नहीं बताया गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने हालांकि पहले संकेत दिया था कि ईरान विशेष रूप से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का विरोध करता है।

रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि कैसे रूस और चीन भविष्य में अपने विभाजनकारी संदेश को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी राजनीतिक ध्रुवीकरण का फायदा उठा रहे हैं।

माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट में ईरान में हाल की गतिविधियों के चार उदाहरणों की पहचान की गई है, जिनके बारे में कंपनी को उम्मीद है कि नवंबर में होने वाले चुनाव के करीब आने के साथ इनमें वृद्धि होगी।

माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह इस बात पर नजर रखता रहा है कि विदेशी दुश्मन एआई तकनीक का किस तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

इस सप्ताह न्याय विभाग ने ईरान से संबंध रखने वाले एक पाकिस्तानी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक आरोपों का खुलासा किया है, जिस पर कई अधिकारियों, जिनमें संभवतः ट्रंप भी शामिल हैं, की हत्या की साजिश रचने का आरोप है।

ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को भेजे एक ईमेल में कहा, ‘‘ईरान अपने बुनियादी ढांचे, जन सेवा केंद्रों और उद्योगों को निशाना बनाने वाले कई आक्रामक साइबर अभियानों का खुद शिकार रहा है। ईरान की साइबर क्षमताएं रक्षात्मक हैं। ईरान का न तो साइबर हमले करने का कोई इरादा है और न ही उसकी कोई योजना है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव एक आंतरिक मामला है जिसमें ईरान हस्तक्षेप नहीं करता है।’’

एपी

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