देशव्यापी प्रदर्शनों के बीच ईरानी-ब्रिटिश नागरिक को मृत्युदंड देने के ईरान (Iran) के फैसले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हो चुकी है. ईरानी न्यायपालिका से जुड़ी ‘मीजान’ समाचार एजेंसी ने अली रजा अकबरी को फांसी दिए जाने की घोषणा की. फांसी कब दी गई इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. हालांकि, कहा जा रहा है कि उन्हें कुछ दिन पहले फांसी दी गई थी. ब्रिटेन की एमआई-6 खुफिया एजेंसी का जासूस होने का सबूत पेश किए बिना ईरान ने अकबरी पर जासूसी का आरोप लगाया था.
ईरान ने अकबरी का एक अत्यधिक संपादित वीडियो प्रसारित किया. इस वीडियो को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जबरन कराया गया कबूलनामा बताया. शुक्रवार को अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने अकबरी की फांसी की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘‘अली रजा अकबरी के खिलाफ आरोप और उन्हें फांसी की सजा राजनीति से प्रेरित है. उनकी फांसी अनुचित है. यह भी पढ़ें :India-China Trade: तनाव के बीच भारत और चीन का व्यापार ऑल टाइम हाई पर पहुंचा, इंडिया को हुआ घाटा
हम उन खबरों से बहुत व्यथित हैं कि अकबरी को हिरासत में नशा दिया गया, हिरासत में प्रताड़ित किया गया, हजारों घंटों तक पूछताछ की गई और झूठे बयान देने के लिए मजबूर किया गया.’’ पटेल ने कहा, ‘‘ईरान की मनमानी और अन्यायपूर्ण हिरासत, जबरन कबूलनामा और राजनीति से प्रेरित फांसी देने का चलन पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसे समाप्त किया जाना चाहिए.’’