Israel Iran War: ईरान ने इजराइल पर किया हमला, 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइल दागीं

ईरान के इस हमले ने पश्चिम एशिया को क्षेत्रीय युद्ध के करीब धकेल दिया है. हमले के बाद से इजराइल में हर कहीं साइरन की आवाजें सुनाईं दे रहीं हैं. सीरिया में एक अप्रैल को हवाई हमले में ईरानी वाणिज्य दूतावास में दो ईरानी जनरल के मारे जाने के बाद ईरान ने बदला लेने का प्रण लिया था. ईरान ने इस हमले के पीछे इजराइल का हाथ होने का आरोप लगाया था. हालांकि इजराइल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. यह पहली बार है जब ईरान ने देश की 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद शुरू हुई दशकों की दुश्मनी के बाद इजराइल पर सीधे तौर पर हमला किया है. अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, फ्रांस, ब्रिटेन आदि देशों ने इजराइल पर ईरान के हमले की निंदा की है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने वाशिंगटन में कहा कि अमेरिकी सेना ने ‘लगभग सभी’ ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने में इजराइल की मदद की. साथ ही उन्होंने समन्वित कार्रवाई के लिए सहयोगियों की बैठक बुलाई है.

इजराइली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हैगारी ने कहा कि ईरान ने बड़ी संख्या में ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलेस्टिक मिसाइल दागीं, जिनमें से अधिकतर को इजराइल की सीमाओं के बाहर नष्ट कर दिया गया. उन्होंने कहा कि युद्धक विमानों ने इजराइली हवाई क्षेत्र के बाहर 10 से अधिक क्रूज मिसाइलों को तबाह कर दिया, लेकिन कुछ मिसाइल इजराइल में गिरीं. बचावकर्ताओं ने बताया कि एक हमले में दक्षिणी इजराइल के बदूइन अरब शहर में 10 वर्षीय लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई. हैगारी ने कहा कि एक अन्य मिसाइल सैन्य अड्डे पर गिरी जिससे वहां मामूली नुकसान हुआ है. हैगारी ने कहा, ‘‘ईरान ने बड़े पैमाने पर हमला किया है और तनाव बढ़ाया है.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इजराइल इस हमले का जवाब देगा, उन्होंने कहा इजराइल की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक है, सेना वह करेगी. प्रवक्ता ने कहा कि हमला अभी समाप्त नहीं हुआ है और दर्जनों इजराइली युद्धक विमान आकाश में चक्कर लगा रहे हैं. यह भी पढ़ें : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने की इजराइल पर ईरान के हमले की निंदा, यूएनएससी का आपातकालीन सत्र बुलाया

एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी और दो अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार अमेरिकी सेना ने ईरान की ओर से इजराइल की तरफ दागे गए कुछ ड्रोन को मार गिराया. इजराइल की सेना ने कहा कि बैलेस्टिक मिसाइलों को मार गिराने वाले उसके ‘एरो सिस्टम’ ने अधिकतर मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया और इसमें ‘रणनीतिक साझेदारों’ ने उसकी मदद की. इजराइल और हमास के बीच छह माह से युद्ध जारी है और इसे लेकर भी इजराइल और ईरान के बीच भीषण तनाव था. यह युद्ध शुरू होने के कुछ ही दिन बाद लेबनान में ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिजबुल्ला ने इजराइल की उत्तरी सीमा पर हमला किया था और इसके बाद दोनों ओर से लगभग रोज ही एक दूसरे के ठिकानों पर हमले किए जा रहे थे. इराक, सीरिया और यमन में ईरान समर्थित समूह इजराइल को निशाना बनाते हुए रॉकेट और मिसाइल दाग रहे थे. हालात पहले भी काफी गंभीर थे और अब ईरान के प्रत्यक्ष तौर पर हमला करने के बाद खतरनाक स्थिति पर पहुंच गए हैं. हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने रविवार तड़के बात की. बाइडन ने एक बयान में कहा कि उन्होंने इजराइल की सुरक्षा के लिए ‘‘अमेरिका की प्रतिबद्धता’’ दोहराई है.

बाइडन ने कहा कि इजराइल की मदद करने के उनके निर्देश पर अमेरिकी सेना ने पिछले सप्ताह क्षेत्र में विमान और बैलेस्टिक मिसाइल रक्षा विध्वंसक भेजे थे. उन्होंने कहा, ‘‘इन तैनाती और हमारे सैनिकों की दक्षता के कारण हम लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने में इजराइल की मदद कर पाए.’’ बाइडन ने कहा, ‘‘मैंने अभी प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की और इजराइल को अमेरिका का मजबूत समर्थन को दोहराया.’’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,‘‘ ईरान के हमले पर एकजुट कूटनीतिक कार्रवाई के लिए जी7 नेताओं के साथ बैठक करूंगा.’’ ईरान की सरकारी समाचार समिति ‘आईआरएनए’ की ओर से शनिवार देर रात जारी एक बयान में देश के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड ने स्वीकार किया कि‘‘ यहूदी शासन के कब्जे वाले क्षेत्रों और ठिकानों की ओर दर्जनों ड्रोन और मिसाइलें दागी गईं.’’ एक अन्य बयान में रिवोल्यूशनरी गार्ड ने अमेरिका को सीधी चेतावनी जारी करते हुए कहा, ‘‘आतंकवादी अमेरिकी सरकार को चेतावनी दी जाती है कि यदि वह ऐसी कोई भी मदद या भागीदारी में शामिल होती है जिससे ईरान के हितों को नुकसान पहुंचता हो, तो इसके बदले में ईरान के सशस्त्र बल निर्णायक कार्रवाई करेंगे.’’

इजराइल पर हमले के बाद उत्तरी इजराइल, दक्षिणी इजराइल, उत्तरी वेस्ट बैंक और जॉर्डन सीमा के पास मृत सागर सहित कई स्थानों पर हवाई हमले के सायरन बजने लगे. इजराइल की सेना ने सीरियाई और लेबनानी सीमाओं के पास गोलान हाइट्स के निवासियों तथा दक्षिणी शहरों नेवातिम और डिमोना और आस पास के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश दिया. डिमोना में इजराइल का प्रमुख परमाणु केन्द्र है और नेवातिम में प्रमुख हवाई अड्डा है. यरूशलम और उत्तरी तथा दक्षिणी इजराइल में भी तेज़ आवाज़ें सुनी गईं. सेना के ‘होम फ्रंट कमांड’ ने रविवार को स्कूल बंद करने के आदेश दिए और सार्वजनिक समारोहों में 1,000 से अधिक लोगों के शामिल होने पर पाबंदी लगाई. हमले के कारण इजराइल और क्षेत्र के कुछ अन्य देशों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं. इससे पहले नेतन्याहू ने चेतावनी देते हुए कहा था, ‘‘जो कोई भी हमें नुकसान पहुंचाएगा, हम उन्हें नुकसान पहुंचाएंगे.’’ अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र , फ्रांस, ब्रिटेन आदि देशों ने इजराइल पर ईरान के हमले की निंदा की है. फ्रांस ने कहा कि ईरान ‘‘संभावित सैन्य हमलों का खतरा बढ़ रहा है.’’ ब्रिटेन ने इस हमले को ‘फिजूल’ करार दिया. वहीं जर्मनी ने कहा कि ईरान और उसके मददगारों को तत्काल हमला बंद करना चाहिए.