महामारी के दौरान ट्रेनों के परिचालन के संबंध में इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे के दिशा-निर्देश

नयी दिल्ली, 10 अप्रैल ट्रेनों में यात्रियों की संख्या घटा दी जाए, लिनन का इस्तेमाल नहीं करें, यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच हो और ट्रेन में चिकित्सक और पीपीई किट की व्यवस्था हो तथा टिकट की जांच के दौरान संपर्क से दूरी बरती जाए।

कोरोना वायरस महामारी के दौरान इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) ने एक रिपोर्ट में संक्रमण को रोकने के संबंध में इस तरह के कुछ सुझाव दिए हैं ।

‘कोविड-19 का प्रबंधन : रेलवे हितधारकों के लिए दिशा-निर्देश’ शीर्षक वाली रिपोर्ट महामारी के दौरान पैदा हालात के हिसाब से अपडेट की जाएगी।

रिपोर्ट में ऐसे बेहतर तौर-तरीकों को साझा किया गया है जिसे यूआईसी के सदस्य अमल करते हैं। यूआईसी के सदस्यों में भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, कनाडा, चीन,डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, ईरान, इजराइल, ईटली, जापान, नीदरलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, स्लोवाकिया, स्लोवानिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और अमेरिका आदि देश हैं ।

लॉकडाउन से निकलने के लिए अपनी रणनीति पर काम कर रहा भारतीय रेलवे उन कदमों पर गौर कर रहा है जो महामारी के दौरान दुनिया में उठाए गए हैं ।

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा के बाद रेलवे की यात्री सेवा 25 मार्च से ही ठप है ।

यूआईसी ने कहा है कि इस रिपोर्ट को सामने रखने के पीछे महामारी के दौरान परिचालन के प्रबंधन में रेलवे की मदद करना है।

संक्रमण रोकने के लिए रेलवे को कई सुझाव दिए गए हैं । जैसे कि पत्रिकाएं, कंबल, चादर, तकिया, हेडफोन आदि कोच से हटा दें और रात में चलने वाली ट्रेनों में हर यात्रा के बाद कंबल बदल दें।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सफर की शुरुआत के पहले जांच करें कि ट्रेन के सारे कर्मचारी स्वस्थ हैं । उनके शरीर के तापमान को भी देखा जाए। ग्लव्स पहनकर ही किसी भी सामान को छूयें । ’’

संक्रमण रोकने के लिए दक्षिण कोरिया में भी कई कदम उठाए गए हैं जैसे कि खिड़की साइट की सीट आवंटित की जा रही है और यात्रियों के बीच दूरी भी बनी रहती है ।

स्पेन की रेल सेवा केवल एक तिहाई सीटें ही ट्रेनों में उपलब्ध करा रही है ।

सूत्रों ने बताया कि भारत में रेलवे अधिकारी भी इस पर विचार कर रहे हैं कि क्या कुछ प्रतिशत सीट ही लोगों के लिए उपलब्ध करायी जाए।

यूआईसी की रिपोर्ट में कुछ अन्य सुझाव भी दिए गए हैं । इसमें कहा गया है कि संबंधित देशों में पैदा स्थिति की निगरानी के लिए कार्यबल का गठन हो और स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में रहें।

तापमान माप कर बीमार यात्रियों का पता लगाने का भी सुझाव दिया गया है और एक दूसरे के बीच पांच फुट की दूरी बनाए रखने की अनुशंसा की गयी है ।

यात्रियों की आवाजाही जहां पर लगातार होती है वहां साफ-सफाई बनाए रखने के भी सुझाव दिए गए हैं।

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