बहराइच/गोरखपुर (उप्र), 12 अप्रैल कोरोना वाइरस संकट के दौर में मास्क की कमी दूर करने के मकसद से अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो स्वर्ण पदक विजेता भाई-बहन ने खुद मास्क बनाने की पहल की है।
अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो बाल वर्ग में स्वर्ण पदक विजेता बहराइच के 11 व 13 वर्ष उम्र के भाई-बहन अंश श्रीवास्तव और आंशी श्रीवास्तव ने अपने हम उम्र चचेरे-ममेरे भाई-बहनों और दोस्तों के साथ मिलकर घर में ही मास्क बनाना शुरू किया है।
करीब 11 वर्षीय अंश ने वर्ष 2016 में काठमांडू में हुयी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में ताइक्वांडो बाल वर्ग में स्वर्ण पदक और 2017 में भूटान में कांस्य पदक जीता था। अंश की बहन आंशी अभी 13 साल की हैं। उन्होंने वर्ष 2016 में काठमांडू और 2017 में भूटान में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया था। दोनों बच्चों को प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रशस्ति पत्र भी मिल चुका है।
अंश ने बताया कि उसका लक्ष्य चार दिन में 500 मास्क बनाकर मुफ्त बांटने का है। सबसे अहम बात यह है कि इस काम में सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। रविवार तक 100 मास्क बनाकर जरूरतमंदों को मुफ्त बांटे भी जा चुके हैं।
इस काम में इनके साथ परिवार के बच्चे और दोस्त दीया, वंश, अनन्या, विराज, रोहन और चिराग आदि बाल समाजसेवी जुटे हैं। बच्चों की कोशिश है कि आगे भी मास्क बनाने और निशुल्क वितरण की प्रक्रिया चलती रहे।
अपने इस सामाजिक कार्य के पीछे बच्चों ने अपने पिता आलोक श्रीवास्तव की प्रेरणा बताई है। आलोक भी राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज रह चुके हैं।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई से जुड़ने के लिए भाजपा सांसद अक्षैवर लाल गोंड, विधायक सुरेश्वर सिंह और सुभाष त्रिपाठी ने पत्र लिखकर बच्चों के इस कार्य की सराहना की है।
इस बीच गोरखपुर के जंगल धूसर स्थित महाराणा प्रताप परास्नातक महाविद्यालय ने कोरोना वायरस के खिलाफ मोर्चा खोला है। महाविद्यालय के विद्यार्थी और प्रशिक्षु मास्क बनाकर उन्हें मंझरिया और पास के एक अन्य गांव में वितरित कर रहे हैं।
महाविद्यालय के प्रधानाध्यापक डॉक्टर प्रदीप राव ने बताया कि रविवार से मास्क बनाने का काम शुरू हुआ है।
उन्होंने बताया कि मास्क बनाने और उन्हें वितरित करने की प्रक्रिया के दौरान सामाजिक दूरी का पूरा पालन किया जा रहा है।
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