नयी दिल्ली, सात अप्रैल प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को उन आशंकाओं को दूर कर दिया कि थलसेना, नौसेना और वायु सेना के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए थिएटर कमान की स्थापना से एक सेना को बढ़ावा मिलेगा जिसमें अन्य दो विलीन हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह की चिंताएं "मिथ्या " हैं।
उन्होंने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में एक संबोधन में कहा कि तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने करीब दो साल पहले सरकार को लिखित में दिया था कि वे एक एकीकृत प्रणाली चाहते हैं।
सीडीएस ने कहा कि देश की भावी सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तीनों सेवाओं में एकीकरण और समन्वय महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, "बदलाव में हमेशा हिचक होती है। हम यथास्थितिवादी राष्ट्र हैं... ऐसी एक धारणा है कि नौसेना और वायु सेना की तुलना में थल सेना बड़ी सेना है और इसलिए यह संभवतः दोनों सेनाओं और संभवतः सब कुछ को निगल लेगी तथा हर चीज थलसेना-केंद्रित हो जाएगी। यह मिथ्या बात है।’’
जनरल रावत प्रस्तावित थिएटर कमान की स्थापना में आने वाली चुनौतियों के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
जनरल रावत ने यह भी कहा कि तीनों सेवाओं की सभी रडार प्रणालियों को एकीकृत किया जाएगा, ताकि उनका अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सके और वे एक समग्र वायु रक्षा छतरी के तहत काम करेंगे।
प्रस्ताव के अनुसार, थियेटर कमान में थलसेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और एक ऑपरेशनल कमांडर के तहत विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों पर गौर करते हुए ये सभी एकल इकाई के रूप में काम करेंगी।
जनरल रावत ने कहा, "दो साल पहले, तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने सरकार को लिखित में दिया था कि हम एक एकीकृत प्रणाली चाहते हैं। इसके बाद सीडीएस अस्तित्व में आया।"
उन्होंने कहा कि भूमि पर दो से तीन एकीकृत थिएटर कमान (आईटीसी), एक समुद्री थिएटर कमान (एमटीसी) और एक राष्ट्रीय एकीकृत वायु रक्षा कमान (एडीसी) की स्थापना के लिए काम चल रहा है।
जनरल रावत ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि क्षेत्रीय शक्ति बनने की भारत की आकांक्षा "उधार की शक्ति " पर भरोसा नहीं कर सकती है और देश को अपने युद्ध "भारतीय समाधान" के साथ जीतने होंगे।
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