नयी दिल्ली, 15 सितंबर भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल को ‘नाटक’ करने के बजाय तुरंत दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी चाहिए।
दो दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने संबंधी केजरीवाल की टिप्पणी पर रविवार को प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने उन्हें उनके मंत्रिमंडल के साथ तुरंत इस्तीफा देने की चुनौती दी।
सचदेवा ने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया, “उन्हें दो दिन की क्या जरूरत है? वे दो दिन बाद यू-टर्न लेंगे और कहेंगे कि उनके विधायकों ने उन्हें (मुख्यमंत्री के रूप में) बने रहने के लिए कहा है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे तुरंत पूरे मंत्रिमंडल के साथ इस्तीफा दें और जल्द चुनाव की मांग करें।”
उन्होंने कहा कि अगर नवंबर में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होते हैं तो राष्ट्रीय राजधानी के लोग केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) को करारा जवाब देंगे।
सचदेवा के शब्दों को दोहराते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अगर केजरीवाल दिल्ली में जल्द चुनाव चाहते हैं तो उन्हें पहले विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “वे अब भी मुख्यमंत्री हैं और उनकी पार्टी को दिल्ली विधानसभा में भारी बहुमत प्राप्त है। अगर वे चुनाव कराना चाहते हैं तो वे कैबिनेट की बैठक बुलाकर विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकते हैं।”
त्रिवेदी ने कहा, “उनकी मांग (शीघ्र चुनाव कराने की) दर्शाती है कि उनका चरित्र कितना विचित्र हो गया है।”
दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को जमानत देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री के तौर पर काम नहीं कर सकते।
बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल को सचिवालय में प्रवेश करने और किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर करने से रोक दिया गया है तथा उनकी गिरफ्तारी को भी वैध घोषित किया गया है।
आबकारी नीति ‘घोटाला’ मामले में जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा होने के दो दिन बाद ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि वह दो दिन बाद इस्तीफा दे देंगे और दिल्ली में जल्द चुनाव की मांग करेंगे। उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक लोग उन्हें “ईमानदारी का प्रमाणपत्र” नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
इसे ‘नाटक’ बताते हुए बिधूड़ी ने कहा कि अगर केजरीवाल उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देते हैं, तभी यह माना जाएगा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल का आचरण, छवि और चरित्र सभी संदेह के घेरे में हैं।
त्रिवेदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “ऐसा कौन सा मामला है जिसे दो दिन में निपटाना है जिसके लिए उन्हें समय चाहिए? लोगों ने पहले ही अपना फैसला कर दिया था, जब उन्होंने (आप के) ‘जेल का जवाब वोट से’ अभियान पर वोटों से जवाब नहीं दिया और उन्हें जेल भेज दिया।”
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल ने जनता के सवालों का जवाब देने से बचने के लिए मजबूर होकर इस्तीफा दिया है। गुप्ता ने दावा किया कि इस्तीफे की घोषणा के बाद केजरीवाल खुद को बेचारा दिखाने का प्रयास करेंगे।
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