कोटा, 16 अप्रैल : राजस्थान के बूंदी जिले के एक सरकारी अस्पताल में छह महीने के एक शिशु की मौत की जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक शिशु के परिवार ने आरोप लगाया कि अस्पताल में बिजली गुल होने के कारण ऑक्सीजन आपूर्ति में गड़बड़ी के परिणामस्वरूप यह घटना हुई हालांकि, जिला चिकित्सा अधिकारियों ने इन आरोपों का खंडन किया है. अधिकारियों ने बताया कि मृत शिशु की पहचान भारती के बेटे बंटी के रूप में हुई है. बंटी को रविवार शाम करीब छह बजे देई शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से आपातकालीन वार्ड में लाया गया था.
सीएचसी के प्रभारी डॉ. योगेश पंवार ने बताया कि बच्चे को तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद गंभीर हालत में अंबु बैग सपोर्ट (कृत्रिम श्वसन सहायता यंत्र) पर रखा गया था. पंवार ने कहा, ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने प्राथमिक चिकित्सा देखभाल के बाद बच्चे को उच्च चिकित्सा देखभाल केंद्र में रेफर कर दिया था. मौसम पहले से ही खराब था और तेज हवाओं के कारण बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई थी. हालांकि, शिशु पूरे समय अंबु बैग सपोर्ट पर था और उसके लिए समय पर एम्बुलेंस को बुलाया गया था. चिकित्सक ने बताया कि एम्बुलेंस में ले जाते समय बच्चे की मौत हो गई. सोमवार सुबह मृतक बच्चे के परिजनों ने अस्पताल के बाहर कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया और उन्हें निलंबित करने की मांग की. यह भी पढ़ें : Salman Khan House Firing Case: सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले दोनों आरोपी लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से, भुज पुलिस का बड़ा खुलासा
उन्होंने दावा किया कि बिजली गुल होने के कारण ऑक्सीजन आपूर्ति में कथित रुकावट के कारण बच्चे की मौत हो गई. क्षेत्राधिकारी पुलिस उपाधीक्षक शंकर लाल मीणा ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों को शांत किया गया. बूंदी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. ओ.पी. समीर ने अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा लापरवाही और ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि बच्चा अंबु बैग सपोर्ट पर था और जब उसे एम्बुलेंस में ले जाया जा रहा था तो उसने दम तोड़ दिया.