नयी दिल्ली, 29 जुलाई चीनी उद्योग को आय के अधिक स्रोत सृजित करने और संपूर्ण गन्ना मूल्य श्रृंखला की क्षमता का उपयोग करने के लिए अपने उत्पादों का दायरा बढ़ाने का अवसर खोजना चाहिए। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह कहा।
गोवा में आयोजित चीनी प्रौद्योगिकीविद् संघ के 80वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, खाद्य और उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि भारत चीनी के मामले में आत्मनिर्भर है और इसे अन्य देशों को निर्यात कर रहा है।
एक सरकारी बयान में मंत्री के हवाले से कहा गया है, ‘‘हालांकि, हमें उत्पादकता में सुधार के लिए खेत से कारखाने तक काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि लाभ हर अंशधारक को मिले।’’
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने चीनी उद्योग को काफी हद तक रूपांतरण करने और इसे लाभप्रद बनाने में वैज्ञानिकों की भूमिका की सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी कई समस्याओं का समाधान करने जा रही है और चीनी उद्योग को भविष्योन्मुख होना चाहिए।
इस अवसर पर खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा, ‘‘भारतीय चीनी उद्योग को संपूर्ण गन्ना मूल्य श्रृंखला की क्षमता का उपयोग करने के लिए उत्पादों का दायरा बढ़ाने का अवसर खोजना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग के उप-उत्पादों से, कई अन्य मूल्य वर्धित उत्पाद बनाए जा सकते हैं और उद्योग को भविष्य में उन्हें विकसित करने के लिए नई तकनीकों पर काम करने की आवश्यकता है ताकि आय के अधिक स्रोत उत्पन्न हो सकें और चीनी से आय पर निर्भरता कम हो सके।
पांडे ने कहा, ‘‘हमें चीनी की आवश्यकता को पूरा करने तथा 20 प्रतिशत मिश्रण के लिए एथनॉल की जरुरतों को पूरा करने के लिए एक ‘आत्मनिर्भर’ मॉडल विकसित करना होगा।
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