नयी दिल्ली, 12 अप्रैल देश का औद्योगिक उत्पादन फरवरी 2024 में सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत बढ़ा, जो चार महीनों में सबसे अधिक है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान खनन क्षेत्र ने अच्छा प्रदर्शन किया।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन फरवरी 2023 में छह प्रतिशत बढ़ा था।
आईआईपी का पिछला उच्च स्तर अक्टूबर 2023 में 11.9 प्रतिशत था। इसके बाद यह धीमा होकर नवंबर में 2.5 प्रतिशत, दिसंबर में 4.2 प्रतिशत और जनवरी में 4.1 प्रतिशत रहा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि फरवरी 2024 में देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 5.7 प्रतिशत बढ़ा था।
बीचे वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल-फरवरी के दौरान आईआईपी 5.9 प्रतिशत बढ़ा, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 5.6 प्रतिशत था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2024 में खनन उत्पादन आठ फीसदी बढ़ा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 4.8 प्रतिशत बढ़ा था।
विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन पांच प्रतिशत बढ़ा, जो एक साल पहले इसी महीने में 5.9 प्रतिशत बढ़ा था।
इस साल फरवरी में बिजली उत्पादन 7.5 फीसदी बढ़ा, जो एक साल पहले इसी महीने में 8.2 प्रतिशत बढ़ा था। पूंजीगत सामान की वृद्धि दर फरवरी 2024 में गिरकर 1.2 प्रतिशत हो गई, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में यह 11 प्रतिशत थी।
समीक्षाधीन अवधि में उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन 12.3 फीसदी बढ़ा। फरवरी 2023 में इसमें 4.1 फीसदी की गिरावट आई थी।
गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में आलोच्य महीने में 3.8 प्रतिशत की गिरावट आई। जबकि एक साल पहले फरवरी 2023 में इसमें 12.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
आंकड़ों के अनुसार, बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुओं ने फरवरी 2024 में 8.5 की वृद्धि दर्ज की, जबकि एक साल पहले इसी माह में इसमें नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में इस साल फरवरी में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक साल पहले सात प्रतिशत रही थी।
समीक्षाधीन महीने में मध्यवर्ती वस्तु खंड में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो एक साल पहले इसी अवधि में दर्ज एक प्रतिशत से अधिक थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)