इंदौर (मध्यप्रदेश), 27 फरवरी अपने जायकेदार पकवानों के लिए देश-विदेश में मशहूर इंदौर की रात्रिकालीन सर्राफा चाट-चौपाटी को शहरी निकाय की एक जांच समिति ने मंगलवार को बारूद के ढेर पर बताया। समिति ने कहा कि पर्यटकों के आकर्षण के खास केंद्र चौपाटी में आग से सुरक्षा के उचित इंतजाम नहीं हैं।
अधिकारियों ने बताया कि हरदा के पटाखा कारखाने में छह फरवरी को भीषण विस्फोट के बाद इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बेहद तंग गली में चल रही सर्राफा चौपाटी में अग्नि सुरक्षा और अन्य इंतजामों की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की थी।
समिति के अध्यक्ष और महापौर परिषद सदस्य राजेंद्र राठौर ने संवाददाताओं को बताया,‘‘हमने सर्राफा चाट-चौपाटी का दौरा किया, तो लगा कि यह जगह वास्तव में बारूद के ढेर पर है। वहां अलग-अलग व्यंजन बनाने के लिए लगातार भट्टियां चलती हैं, जबकि तंग इलाका होने के चलते वहां सड़क पर लोगों की इतनी भीड़ रहती है कि वे ठीक से चल तक नहीं पाते।’’
उन्होंने बताया कि पकवानों के दुकानदारों के एक तबके ने सर्राफा चाट-चौपाटी के स्थानांतरण का समर्थन किया है, जबकि एक अन्य तबका चाहता है कि उचित इंतजाम करके इसे वर्तमान जगह पर ही चलाया जाए।
राठौर ने कहा कि महापौर आम लोगों और जन प्रतिनिधियों से राय-मशविरा करके सर्राफा चाट-चौपाटी के भविष्य के बारे में फैसला करेंगे।
चश्मदीदों ने बताया कि बमुश्किल 20 फुट चौड़ी और आधा किलोमीटर लम्बी गली में चल रही सर्राफा चौपाटी में पकवानों की कोई 250 दुकानें हैं।
हर रोज रात आठ बजे के बाद जेवरात की दुकानें बंद होते ही सर्राफा बाजार, सर्राफा चौपाटी में बदल जाता है और इन दुकानों के बाहर व्यंजनों के प्रतिष्ठान सजने लगते हैं। स्वाद का यह पारंपरिक बाजार रात दो बजे तक खुला रहता है जहां इंदौर के आम लोगों के साथ ही पर्यटकों की भी भारी भीड़ रहती है।
हर्ष
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