खेल की खबरें | ओलंपिक में भारत की नारी शक्ति का जलवा, मनु ने जीता ऐतिहासिक कांस्य, सिंधू, मनिका , निकहत भी जीतीं

शेटराउ / पेरिस , 28 जुलाई ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनी मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में भारत का खाता खोला और ‘नारी शक्ति’ को समर्पित दूसरे दिन पदक उम्मीद पी वी सिंधू, निकहत जरीन और मनिका बत्रा ने भी जीत के साथ आगाज किया ।

तीन बरस पहले तोक्यो ओलंपिक में पिस्टल खराब होने से रोते हुए लौटी मनु ने भगवद गीता के सार को आत्मसात किया और गुरू जसपाल राणा के मार्गदर्शन में पेरिस में इतिहास रच डाला । उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में निशानेबाजी रेंज पर 12 साल बाद भारत को ओलंपिक में कांसा दिलाया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पदक जीतने के बाद मनु से फोन पर बात करके उन्हें बधाई दी ।

रजत से सिर्फ 0.1 अंक से चूकी मनु ने कहा, ‘‘मैंने भगवद गीता काफी पढ़ी है और वही करने की कोशिश की जो मुझे करना चाहिए था। बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया था। हम भाग्य से नहीं लड़ सकते। आप परिणाम को नियंत्रित नहीं कर सकते। ’’

राइफल निशानेबाजों रमिता जिंदल और अर्जुन बबूता ने भी क्रमश: महिला 10 मीटर एयर राइफल और पुरुष 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में जगह बनाकर पदक की उम्मीद जगाई।

तोक्यो ओलंपिक में भारत के 15 निशानेबाजों में से केवल 10 मीटर एयर पिस्टल निशानेबाज सौरभ चौधरी ही फाइनल तक पहुंच पाए थे। पेरिस में भारत के दल प्रमुख गगन नारंग के लंदन ओलंपिक 2012 में जीते कांस्य के बाद निशानेबाजी में यह पहला ओलंपिक पदक है। हरियाणा के झज्जर की रहने वाली 22 साल की मनु ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 221.7 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक जीता।

रमिता ने शनिवार को बबूता के साथ मिश्रित टीम फाइनल में जगह बनाने से चूकने की निराशा को दूर करते हुए पांचवें स्थान पर रहकर महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। वहीं इलावेनिल वलारिवान ने 630.7 अंक बनाए और 10वें स्थान पर रहते हुए आठ निशानेबाजों के फाइनल में जगह बनाने से चूक गईं।

बबूता ने क्वालीफिकेशन में सातवें स्थान पर रहते हुए पुरुष 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाई। पच्चीस साल के बबूता ने 105.7, 104.9, 105.5, 105.4, 104.0 और 104.6 अंक की सीरीज के साथ कुल 630.1 अंक जुटाए। बबूता सोमवार को आठ निशानेबाजों के फाइनल में पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे।

सेना के संदीप सिंह इसी स्पर्धा में 629.3 अंक के साथ 12वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाने से चूक गए।

सिंधू की जीत के साथ शुरूआत :

दो बार की ओलंपिक पदक विजेता भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने महिला एकल स्पर्धा में अपने अभियान की शुरुआत ग्रुप एम के मैच में मालदीव की फातिमाथ अब्दुल रज्जाक के खिलाफ आसान जीत के साथ की।

लगातार तीसरे ओलंपिक पदक के लिए चुनौती पेश कर रही सिंधू और फातिमाथ के बीच का अंतर साफ नजर आया। भारतीय खिलाड़ी ने अपने से कम रैंकिंग वाली खिलाड़ी को सिर्फ 29 मिनट में सीधे गेम में 21-9 21-6 से शिकस्त दी।

एच एस प्रणय ने पुरुष एकल स्पर्धा में अपने अभियान की शुरुआत ग्रुप के मैच में जर्मनी के फैबियन रोथ खिलाफ सीधे गेमों में जीत से की। विश्व रैंकिंग में 12वें स्थान पर काबिज प्रणय ने 45 मिनट तक चले इस मैच को 12-18, 21-12 से अपने नाम किया।

शरत कमल हारे, मनिका और श्रीजा जीतीं :

भारत के स्टार टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल पुरुष एकल प्रतियोगिता से बाहर हो गए जबकि स्टार महिला खिलाड़ी मनिका बत्रा ने राउंड 64 में अपनी प्रतिद्वंद्वी को 4-1 से हराकर अपना अभियान शुरू किया।

अपना पांचवा ओलंपिक खेल रहे 42 वर्षीय शरत को 53 मिनट तक चले मैच में अपने से 86 पायदान नीचे के प्रतिद्वंद्वी स्लोवेनिया के डेनी कोजुल से 2-4 (12-10 9-11 6-11 7-11 11-8 10-12) से हार का सामना करना पड़ा। 2018 राष्ट्रमंडल खेलों की चैम्पियन और 18वीं वरीय मनिका ने 41 मिनट में ब्रिटेन की अन्ना हर्से को 11-8 12-10 11-9 9-11 11-5 से मात दी।

अब मनिका का सामना 31 जुलाई को राउंड 32 मैच में फ्रांस की 12वीं वरीय प्रीथिका पवाडे से होगा । इससे पहले श्रीजा ने स्वीडन की क्रिस्टीना कल्बर्ग पर 4-0 की शानदार जीत के साथ राउंड ऑफ 32 में प्रवेश किया।

डब्ल्यूटीटी कंटेंडर एकल खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनकर इतिहास रचने वाली श्रीजा ने स्वीडन की खिलाड़ी को 30 मिनट में 11-4, 11-9, 11-7, 11-8 से पराजित किया।

निकहत जरीन प्री क्वार्टर फाइनल में :

दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन ने जर्मनी की मैक्सी करीना क्लोएट्जर पर जीत के साथ महिलाओं के 50 किग्रा मुक्केबाजी के प्री-क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।

इस 28 साल की गैरवरीय मुक्केबाज ने यहां ‘नॉर्थ पेरिस एरेना’ अंतिम 32 दौर के मुकाबले में जर्मनी की मुक्केबाजी के खिलाफ 5-0 से जीत हासिल की। निकहत के सामने गुरुवार को खेले जाने वाले प्री-क्वार्टर फाइनल में एशियाई खेलों और मौजूदा फ्लाईवेट विश्व चैंपियन चीन की वू यू की चुनौती होगी।

नौकायन में बलराज पंवार क्वार्टर फाइनल में :

भारत के बलराज पंवार रेपेचेज दो में दूसरे स्थान पर रहते हुए नौकायन (रोइंग) की पुरुष एकल स्कल्स स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए।

बलराज ने सात मिनट 12.41 सेकेंड का समय लिया और वह मोनाको के क्वेंटिन एंटोगनेली से पीछे रहे जो सात मिनट 10:00 सेकेंड के समय से शीर्ष पर रहे। प्रत्येक रेपेचेज से शीर्ष दो में रहने वाले खिलाड़ी क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करते हैं।

तैराकी में भारत की चुनौती समाप्त :

तैराकी में भारत की चुनौती रविवार को खत्म हो गई जब श्रीहरि नटराज और धिनिधि देसिंघु अपने अपने वर्ग के सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सके ।

नटराज 55 . 01 सेकंड की टाइमिंग के साथ 100 मीटर बैकस्ट्रोक में अपनी हीट में संयुक्त दूसरे स्थान पर रहे थे । ओवरआल तालिका में वह 33वें स्थान पर रहे । शीर्ष 16 तैराक ही सेमीफाइनल में पहुंचते हैं ।

नटराज का निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 53 . 77 सेकंड का है । पहली बार ओलंपिक में उतरी भारतीय दल की सबसे युवा सदस्य 14 वर्ष की देसिंघु 200 मीटर महिला फ्रीस्टाइल हीट में अव्वल रही । पहली हीट में उन्होंने 2 : 06.96 का समय निकाला लेकिन 30 प्रतियोगियों में वह 23वें स्थान पर रहीं ।

तीरंदाजी में महिलाओं ने किया निराश :

भारत की सबसे अनुभवी तीरंदाज दीपिका कुमारी ने एक बार फिर निराश किया और उनके खराब प्रदर्शन से भारतीय महिला तीरंदाजी टीम पेरिस ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड से 0 . 6 से हारकर बाहर हो गई ।

भारतीय टीम की सबसे युवा खिलाड़ी हरियाणा की 18 वर्ष की भजन कौर ने 60 में से 56 अंक बनाये लेकिन दीपिका और अंकिता भकत जैसे अनुभवी खिलाड़ी कमजोर कड़ी साबित हुए ।दोनों का स्कोर 50 के पाद भी नहीं रहा । भारतीय टीम 51 . 52, 49 . 54, 48 . 53 से हार गई ।

चौथी बार ओलंपिक में उतरी दीपिका ने 48 और भकत ने 46 अंक बनाये । भकत ने तो एक बार चार की रिंग में भी तीर छोड़ा । दूसरी ओर भजन ने 56 अंक बनाये ।

भारत ने क्वालीफिकेशन में चौथे स्थान पर रहने के बाद क्वार्टर फाइनल में सीधे जगह बनाई थी ।

टेनिस में सुमित नागल बाहर :

भारत के नंबर एक खिलाड़ी सुमित नागल पुरुष एकल टेनिस प्रतियोगिता के तीन सेट तक चले पहले दौर के मुकाबले में फ्रांस के कोरेंटिन मौटेट से हारकर बाहर हो गए।

भारत के इस 26 वर्षीय खिलाड़ी को रोलां गैरों में दो घंटे 28 मिनट तक चले मैच में 2-6, 6-2, 5-7 से हार मिली।

दोनों खिलाड़ियों ने पहले दो सेट 6-2 के समान स्कोर से जीते, पर 65 मिनट तक चले निर्णायक सेट में फ्रांस के खिलाड़ी ने भारतीय खिलाड़ी की चुनौती पस्त कर दी।

तोक्यो ओलंपिक में नागल दूसरे दौर में रूस के दानिल मेदवेदेव से हार कर बाहर हुए थे लेकिन यहां शुरूआती दौर में वह अपने नियंत्रण वाली चीजों पर काबू रखने में विफल रहे।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)