भारत का ‘जीवंत’ अंतरिक्ष क्षेत्र राष्ट्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा: प्रधानमंत्री मोदी
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नयी दिल्ली, 15 अगस्त : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अतीत की पाबंदियों से मुक्ति पाने के बाद भारत को एक मजबूत देश बनाने में एक ‘जीवंत’ अंतरिक्ष क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. लाल किले से 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार अपनी दीर्घकालिक दृष्टि के तहत अंतरिक्ष क्षेत्र को मजबूत कर रही है जिसकी वजह से सैकड़ों स्टार्ट-अप आ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं कह सकता हूं जब नीति सही होती है, नीयत सही होती है और पूर्ण समर्पण से राष्‍ट्र के कल्‍याण का मंत्र होता है तो निश्चित परिणाम हम प्राप्‍त करके रहते हैं.’’मोदी ने कहा, ‘‘आज सैंकड़ों स्टार्ट-अप अंतरिक्ष क्षेत्र में आ रहे हैं. जीवंत बनता जाता हमारा यह क्षेत्र भारत को एक शक्तिशाली राष्‍ट्र बनाने का एक महत्‍वपूर्ण अंग है. और हम इसको दूर की सोच के साथ मजबूती दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में बहुत सुधार किए हैं और जिन बंधनों में इसे बांध कर रखा गया था उसे खोल दिया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान की सफलता से स्कूलों और कॉलेजों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि बढ़ी है. उन्होंने कहा, ‘‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी में इस रुचि को पोषित करने के लिए हमारे शैक्षणिक संस्थानों को आगे आना होगा.’’ मोदी ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना करके और इसे वैधानिक संरक्षण देकर अनुसंधान के लिए समर्थन बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को मजबूत करने के लिए एनआरएफ के माध्यम से सरकार के पास एक स्थायी प्रणाली है. मोदी ने कहा, ‘‘यह गर्व की बात है कि हमने अनुसंधान और नवोन्मेष के लिए एक लाख करोड़ रुपये अलग रखे हैं ताकि युवाओं के विचारों को हकीकत में बदला जा सके.’’ अंतरिक्ष उद्योग ने अंतरिक्ष क्षेत्र पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी का स्वागत किया है. यह भी पढ़ें : स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में राहुल को पीछे बैठाना प्रधानमंत्री की कुंठा को दिखाता है: कांग्रेस

भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) के महानिदेशक (सेवानिवृत्त) ए के भट्ट ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं और निजीकरण, समग्र अंतरिक्ष नीति और उदार एफडीआई नियमन जैसे क्रांतिकारी सुधार हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इन परिवर्तनों ने भारत के लिए वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए एक मजबूत नींव रखी है. हम भारत में एक मजबूत अंतरिक्ष उद्योग की आवश्यकता की गहरी रुचि और मान्यता के लिए भारत सरकार के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं.’’ उन्होंने इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र के तेजी से विकास की भी भविष्यवाणी की, जो अंततः नवाचार को बढ़ावा देगा. भट्ट ने कहा, ‘‘सरकार से निरंतर, स्पष्ट और दूरदर्शी समर्थन के साथ, निजी अंतरिक्ष क्षेत्र आने वाले दशक में तेजी से वृद्धि, नवाचार को चलाने, वैश्विक निवेश को आकर्षित करने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार है जो भारत को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अन्वेषण में सबसे आगे रखने में मदद कर सकता है.’’