देश की खबरें | रूस के साथ भारत के समय की कसौटी पर खरे सामरिक रिश्ते अपने गुणों के कारण : विदेश मंत्रालय

नयी दिल्ली, 8 अप्रैल भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस के साथ हमारा करीबी व समय की कसौटी पर खरा सामरिक सहयोग अपने गुणों के कारण है और अन्य देशों के साथ रूस के रिश्तों से इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में यह बात कही । उनसे रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव की हाल ही भारत यात्रा के निहितार्थ और इसके बाद पाकिस्तान की यात्रा के दौरान सहयोग पर सहमति के बारे में सवाल पूछा गया था ।

बागची ने कहा, ‘‘ रूस के विदेश सर्गेई लॉवरोव इस सप्ताह के शुरू में भारत आए थे और उनकी यात्रा के दौरान दोनों पक्षों को अपने संबंधों एवं विशेष गठजोड़ की समीक्षा करने का अवसर मिला ।’’

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने आपसी संबंधों के विविध आयामों पर व्यापक चर्चा की ।

पाकिस्तान द्वारा रूसी विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान रक्षा सहयोग बढ़ाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक रूस द्वारा पाकिस्तान को रक्षा उपकरणों की आपूर्ति का सवाल है, इस पर भारत का रूख सभी को मालूम है ।

रूसी विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ इस बारे में वह जवाब नहीं दे सकते हैं । ’’

उन्होंने कहा कि रूस के साथ हमारा करीबी, समय की कसौटी पर खरा उतरा और सामरिक सहयोग अपने गुणों के कारण है और अन्य देशों के साथ रूस के रिश्तों का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

अफगानिस्तान को लेकर चल रही वार्ता के बारे में एक सवाल के जवाब में बागची ने कहा कि हमारे विदेश मंत्री (जयशंकर) दुशाम्बे में हार्ट आफ एशिया सम्मेलन और रूसी राष्ट्रपति के साथ बाचतीच में इस बारे में विचार व्यक्त कर चुके हैं ।

गौरतलब है कि मंगलवार को जयशंकर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा था कि ‘तालिबान आंदोलन’ अफगान समाज का हिस्सा है और सभी राजनीतिक, जातीय और धार्मिक समूहों की भागीदारी के बिना अफगानिस्तान में संघर्ष का कोई भी टिकाऊ समाधान नहीं होगा।

वहीं, जयशंकर ने कहा था कि अफगानिस्तान में जो भी होता है उससे देश की सुरक्षा पर सीधा असर पड़ता है और किसी भी राजनीतिक समाधान का मकसद ‘‘स्वतंत्र, संप्रभु, एकजुट और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान’’ होना चाहिए।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव की भारत यात्रा के दौरान चर्चा के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में विदेश मंत्री जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में काफी बातें सामने आ गई थी ।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को रूसी समकक्ष सर्गेई लॉवरोव के साथ वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘‘ बातचीत व्यापक और सार्थक रही ।’’

जयशंकर से बातचीत के बाद लॉवरोव ने, रूस और चीन के बीच भविष्य में सैन्य गठजोड़ को लेकर लगाई जा रही अटकलों को खारिज कर दिया था।

उन्होंने कहा था, ‘‘ हमने ऐसी अटकलें सुनी है जिसमें न केवल रूस और चीन के संबंध में सैन्य गठजोड़ की बात कही गई है बल्कि कथित तौर पर पश्चिम एशिया-नाटो और एशिया- नाटो को बढ़ावा देने की बात भी कही गई है । ’’

लॉवरोव ने कहा था कि ‘‘ हमने अपने भारतीय मित्रों के साथ इस बारे में विचारों का आदान प्रदान किया और दोनों पक्षों का इस बारे में एक जैसा रूख है । ’’

रूसी विदेश मंत्री ने कहा था, ‘‘ हम समावेशी सहयोग को लेकर आशान्वित हैं, किसी के खिलाफ नहीं हैं। ’’

वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि हमारी ज्यादातर बातचीत इस साल के आखिर में होने जा रहे भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के बारे में हुई ।

भारतीय पक्ष ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र के बारे में अपने रूख से रूसी पक्ष को अवगत करा दिया ।

दीपक

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