पुणे, 22 सितंबर : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में डिजिटल भुगतान प्रणाली के सफल क्रियान्वयन ने इस बारे में संदेह करने वालों को गलत साबित किया है. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को ‘‘मोदी शासन के 20 वर्ष’’ कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान एक बटन दबाने भर से लोगों के बैंक खातों में राशि पहुंच गई. यदि वे बैंक नहीं जा सके या इसे बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी तो बैंक मित्रों ने गांव जाकर उन्हें उनका पैसा दिया.’’
वित्त मंत्री ने कहा कि इसी दौरान कुछ अगड़ी अर्थव्यवस्थाएं चेक बनाकर, उन्हें लिफाफे में डालकर डाक के जरिए लोगों को भेज रही थीं. उन्होंने कहा कि इस बारे में कई आशंकाएं जताई गईं कि इलेक्ट्रॉनिक भुगतान काम कैसे कर पाएगा विशेषकर ग्रामीण इलाकों में जहां इंटरनेट कनेक्टविटी अच्छी नहीं है. लेकिन कोविड के बावजूद यूपीआई भुगतान के मामले में भारत विश्व में सबसे आगे रहा. यह भी पढ़ें : निर्माणाधीन राजमार्ग के बीच आ रहे मंदिर को हटाने का विरोध; 32 लोगों पर निरोधात्मक कार्यवाही
सीतारमण ने कहा कि कुछ वर्ष पहले संप्रग सरकार के एक मंत्री ने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को लोकप्रिय बनाना असंभव है क्योंकि ‘‘एक सब्जी विक्रेता को आप सात रुपये का भुगतान किस तरह करेंगे.’’ उन्होंने कहा कि अब यह संदेह दूर हो चुका है