नयी दिल्ली, 11 दिसंबर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता पिछले दशक में लगभग दोगुनी हुई है और यह 4,780 मेगावाट से बढ़कर 8,081 मेगावाट हो चुकी है।
परमाणु ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री सिंह ने लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह भी कहा कि वर्ष 2031 तक यह तीन गुना हो जाएगी।
उनके जवाब देने के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद थे। परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग का प्रभार प्रधानमंत्री मोदी के पास है और सिंह इस विभाग के राज्य मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘जब यह सरकार सत्ता में आई, तो कुल बिजली उत्पादन क्षमता 4,780 मेगावाट थी। आज, 2024 में, यह 8,081 मेगावाट है। इसका मतलब है कि पिछले 10 वर्षों में अर्जित क्षमता पिछले 60 वर्षों में हासिल की गई क्षमता के बराबर है।’’
सिंह ने उम्मीद जताई कि 2031-32 तक, उत्पादन क्षमता तीन गुना होकर 22,480 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।
मंत्री ने इस प्रगति का श्रेय न केवल तकनीकी विशेषज्ञता को, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति में बदलाव को भी दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास हमेशा प्रतिभा और क्षमता थी, लेकिन जो कमी थी, वह शायद राजनीतिक नेतृत्व द्वारा प्रदान किया गया सक्षम माहौल था।’’
तमिलनाडु में बिजली साझा करने की व्यवस्था और परियोजना में देरी के बारे में सवालों पर सिंह ने कहा कि निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए बिजली वितरण के फॉर्मूले को संशोधित किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में 50 प्रतिशत बिजली गृह राज्य को, 35 प्रतिशत पड़ोसी राज्यों को और 15 प्रतिशत राष्ट्रीय ग्रिड को आवंटित की जाती है। यह फॉर्मूला संघीय भावना के अनुरूप है।’’
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