नयी दिल्ली, 15 फरवरी देश का वस्तुओं का निर्यात जनवरी माह में 6.58 प्रतिशत घटकर 32.91 अरब डॉलर पर आ गया। जनवरी, 2022 में निर्यात 35.23 अरब डॉलर रहा था। हालांकि, जनवरी, 2023 में व्यापार घाटा कम होकर 17.75 अरब डॉलर पर आ गया, जो इसका पिछले 12 माह का सबसे निचला स्तर है।
वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को जनवरी के व्यापार आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पिछले महीने आयात भी 3.63 प्रतिशत घटकर 50.66 अरब डॉलर पर आ गया। जनवरी, 2022 में यह 52.57 अरब डॉलर रहा था।
देश का वस्तुओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह अप्रैल, 2022-जनवरी, 2023 के दौरान 8.51 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 369.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं इस दौरान आयात 21.89 प्रतिशत बढ़कर 602.20 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पहले 10 माह में व्यापार घाटा 233 अरब डॉलर रहा।
दिसंबर, 2022 में देश का निर्यात 12.2 प्रतिशत घटकर 34.48 अरब डॉलर रहा था।
जनवरी, 2022 में व्यापार घाटा 17.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह में नकारात्मक वृद्धि देखने वाले निर्यात क्षेत्र में इंजीनियरिंग सामान, लोहे का सरिया, प्लास्टिक और लिनोलियम, रत्न और आभूषण हैं।
अप्रैल-दिसंबर के दौरान इंजीनियरिंग निर्यात 3.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 88.27 अरब रह गया। इस दौरान रत्न और आभूषणों का निर्यात 0.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31.61 अरब डॉलर रहा।
इस दौरान सकारात्मक वृद्धि देखने वाले क्षेत्रों में पेट्रोलियम उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, चावल, सिलेसिलाए कपड़े और रसायन हैं।
वित्त सचिव सुनील बर्थवाल ने संवाददाताओं को बताया, “चालू वित्त वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं की कुल निर्यात वृद्धि 17.33 प्रतिशत पर है। इसमें मुख्य योगदान सेवा क्षेत्र का हे। सेवा क्षेत्र का निर्यात करीब 30 प्रतिशत बढ़ा है।’’
उन्होंने कहा, “वस्तुओं के निर्यात में भी कुल मिलाकर 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। उम्मीद है कि प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद वृद्धि की यह रफ्तार जारी रहेगी।”
अप्रैल-जनवरी में सोने का आयात 11.26 प्रतिशत गिरकर 29 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले साल समान अवधि में यह 40.35 अरब डॉलर था।
चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह में कच्चे तेल का आयात 53.54 प्रतिशत बढ़कर 178.45 अरब डॉलर हो गया। इसी तरह कोयला, कोक और ब्रिकेट का आयात 18.91 प्रतिशत बढ़कर 43.17 अरब डॉलर हो गया।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की निर्यात और आयात पर राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन संजय बुधिया ने कहा, “चालू वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान विपरीत वैश्विक परिस्थितियों, राजनीतिक अस्थिरता और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के बावजूद, देश के वस्तुओं के निर्यात ने रिकॉर्ड वृद्धि की।”
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