नयी दिल्ली, 4 सितंबर: भारत (India)ने कोविड-19 (Covid-19) के टीके, चिकित्सा और इलाज के लिए विश्व व्यापार संगठन (world trade organization) (डब्ल्यूटीओ) में बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) से संबंधित व्यापार पहलुओं (business aspects) (ट्रिप्स) से छूट के प्रस्ताव पर जल्द निर्णय की वकालत की है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने शुक्रवार को एक बैठक को संबोधित करते हुए खाद्य सुरक्षा के मकसद से सार्वजनिक भंडारण की सीमा के एक स्थायी, बेहतर और समानता वाले समाधान पर जोर दिया. इस बैठक में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के व्यापार मंत्री भी शामिल हुए. यह भी पढे: पूरे भारत में Mumbai कोविड-19 वैक्सीन की एक करोड़ से ज्यादा डोज लगाने वाला पहला जिला बना
उन्होंने तेजी से बदलती दुनिया में उभरती नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने की भी वकालत की. साथ ही गोयल ने कहा कि डाटा संरक्षण और साइबर सुरक्षा की चुनौतियों का समाधान ढूंढने की जरूरत है. एक बयान में कहा गया है कि गोयल ने खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक भंडारण के एक स्थायी और समानता वाले समाधान पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि टीके के लिए ट्रिप्स की छूट के प्रस्ताव पर फैसला जल्द होना चाहिए. अक्टूबर, 2020 में भारत और दक्षिण अफ्रीका ने पहला प्रस्ताव देते हुए कहा था कि सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों को ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों के क्रियान्वयन से छूट मिलनी चाहिए. इससे कोविड-19 महामारी की रोकथाम और इलाज में मदद मिलेगी.
इस साल मई में भारत, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया सहित 62 सह-प्रायोजकों ने संशोधित प्रस्ताव दिया था. बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार पहलुओं पर करार जनवरी, 1995 में लागू हुआ था. यह बौद्धिक संपदा अधिकार...मसलन कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट और अघोषित सूचना या व्यापार से संबंधित राज के संरक्षण से संबंधित बहुपक्षीय करार है. गोयल ने इसके साथ ही कहा कि ब्रिक्स देशों को बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आगामी डब्ल्यूटीओ मंत्री स्तरीय सम्मेलन में एक संतुलित और समावेशी परिणाम की जरूरत है.
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