तोक्यो, दो अगस्त अतीत की मायूसियों को भुलाकर सुनहरे भविष्य की नींव का पत्थर रखने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम ने आस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज पर जीत दर्ज करके ओलंपिक सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया जिसका जश्न पूरे हिन्दुस्तान ने मनाया जबकि कमलप्रीत कौर अपने पहले ओलंपिक में चक्काफेंक स्पर्धा में छठे स्थान पर रही।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के अंतिम चार में पहुंचने और बैडमिंटन में पी वी सिंधू के कांस्य पदक का जश्न अभी चल ही रहा था कि सुबह महिला हॉकी टीम ने असंभव को संभव कर दिखाया । तमाम चुनौतियों को पार करके एक जुनूनी कोच की विश्व विजेता टीम तैयार करने की कहानी को सिनेमाई पर्दे पर दिखाने वाली ‘ चक दे इंडिया’ की कहानी मानों तोक्यो में असल में देखने को मिली ।
ड्रैगफ्लिकर गुरजीत कौर के गोल और दीवार की तरह गोल के आगे डटी गोलकीपर सविता के शानदार प्रदर्शन से भारत ने विश्व में नंबर दो आस्ट्रेलिया को करीबी मुकाबले में 1-0 से हराकर अंतिम चार में जगह बना ली ।
दुनिया में नौवें नंबर की भारतीय महिला हॉकी टीम का सामना सेमीफाइनल में बुधवार को अर्जेंटीना से होगा जिसने एक अन्य क्वार्टर फाइनल में जर्मनी को 3-0 से हराया।
गुरजीत ने 22वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर महत्वपूर्ण गोल किया। इसके बाद भारतीय टीम ने अपनी पूरी ताकत गोल बचाने में लगा दी जिसमें वह सफल भी रही। गोलकीपर सविता ने बेहतरीन खेल दिखाया और बाकी रक्षकों ने उनका अच्छा साथ दिया। आखिरी दो क्वार्टर में आस्ट्रेलिया ने लगातार हमले किये लेकिन भारतीयों ने उन्हें अच्छी तरह से नाकाम किया।
भारतीय टीम आत्मविश्वास से भरी और खुद को साबित करने के लिये प्रतिबद्ध दिखी। उसने साहसिक प्रदर्शन किया और आस्ट्रेलिया पर करीबी जीत दर्ज की।
गुरजीत ने मैच के बाद कहा, ‘‘हम बहुत खुश हैं। यह हमारी कड़ी मेहनत का परिणाम है। हमने 1980 में ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया था लेकिन इस बार हम सेमीफाइनल में पहुंचे हैं। यह हमारे लिये गौरवशाली क्षण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘टीम परिवार की तरह है। हम एक दूसरे का समर्थन करते हैं और हमें देश का भी समर्थन मिलता है। हम बहुत खुश हैं।’’
वहीं एथलेटिक्स में उम्मीदें जगाने वाली चक्काफेंक खिलाड़ी कमलप्रीत कौर अपने पहले ओलंपिक के वर्षाबाधित फाइनल में 63 . 70 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो लगाकर छठे स्थान पर रही जबकि फर्राटा धाविका दुती चंद 200 मीटर के सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सकी ।
शनिवार को क्वालीफाइंग दौर में दूसरे स्थान पर रही कमलप्रीत छह दौर के फाइनल में कभी भी पदक की दौड़ में नहीं रही । बारिश के कारण मुकाबला एक घंटे तक बाधित रहा ।
कमलप्रीत ने तीसरे दौर में 63 . 70 मीटर का थ्रो फेंका और छठे स्थान पर रही । इससे पहले 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता कृष्णा पूनिया भी लंदन ओलंपिक 2012 में छठे स्थान पर रही थी ।
बारिश के बाद फिसलन और उमस होने के कारण थ्रो फेंकना मुश्किल हो रहा था । दाहिने कंधे पर पट्टी बांधकर आई कमलप्रीत ने 61 . 62 मीटर का थ्रो फेंका लेकिन अगला प्रयास अवैध रहा । इससे वह दबाव में आ गई चूंकि वह नौवें स्थान पर खिसक गई थी ।
इसके बाद उसने अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो 63 . 70 मीटर फेंका और छठे स्थान पर पहुंच गई । तीन दौर के बाद फाइनल में खेलने वाले 12 खिलाड़ियों में से चार बाहर हो गए थे । आखिरी तीन प्रयास में कमलप्रीत ने चौथा थ्रो फाउल फेंका जिसके बाद 61 . 37 मीटर का थ्रो फेंका । आखिरी थ्रो भी फाउल रहा ।
दुती चंद ने महिलाओं की 200 मीटर दौड़ में इस सत्र का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन वह अपनी हीट में सातवें और अंतिम स्थान पर रहकर ओलंपिक से बाहर हो गयी।
दुती ने चौथी हीट में 23.85 सेकेंड का समय निकाला जो उनका इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है लेकिन यह सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिये पर्याप्त नहीं था। पच्चीस वर्षीय दुती इससे पहले अपनी पसंदीदा 100 मीटर दौड़ में भी सेमीफाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर पायी थी।
वहीं फवाद मिर्जा ओलंपिक की घुड़सवारी स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बनने के बाद इवेंटिंग स्पर्धा में 23वें स्थान पर रहे ।
मिर्जा ने अपने घोड़े सिगन्योर मेडिकॉट के साथ व्यक्तिगत इवेंटिंग वर्ग के जंपिंग फाइनल्स में प्रवेश किया था । फाइनल में उन्हें 12 . 40 पेनल्टी अंक मिले और उनके कुल 59 . 60 पेनल्टी अंक रहे जिसमें क्वालीफाइंग स्पर्धाओं ड्रेसेज, क्रॉसकंट्री और जंपिंग के तीन दौर के अंक शामिल है ।
बेंगलुरू के 29 वर्ष के राइडर मिर्जा सिडनी ओलंपिक 2000 में इम्तियाज अनीस के बाद ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय हैं । दिवंगत विंग कमांडर आई जे लाम्बा (अटलांटा 1996) ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय थे ।
निशानेबाजी में ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और संजीव राजपूत पुरुष 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन के फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे जिससे रियो ओलंपिक के बाद तोक्यो ओलंपिक से भी भारतीय निशानेबाजों का खाली हाथ लौटना तय हो गया।
ऐश्वर्य असाका निशानेबाजी रेंज में नीलिंग में 397, प्रोन में 391 और स्टैंडिंग में 379 अंक से कुल 1167 अंक जुटाकर 21वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाने की दौड़ से बाहर हो गए।
अनुभवी निशानेबाज राजपूत ने भी निराश किया और नीलिंग में 387, प्रोन में 393 तथा स्टैंडिंग में 377 अंक से कुल 1157 अंक जुटाए। वह 39 निशानेबाजों के बीच 32वें स्थान पर रहते हुए क्वालीफिकेशन से ही बाहर हो गए।
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