लंदन, नौ दिसंबर भारतीय मूल की ब्रिटिश छात्रा को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक कैम्ब्रिज यूनियन सोसाइटी का अध्यक्ष चुना गया है।
यह सोसाइटी विश्व की सबसे पुरानी वाद-विवाद समितियों में से एक है, जो 1815 से ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है।
हाल में संपन्न चुनाव में अनुष्का काले ने 126 मत प्राप्त कर अगले ईस्टर 2025 के कार्यकाल के लिए निर्विरोध निर्वाचित होने का गौरव प्राप्त किया।
काले ने कहा, ‘ईस्टर 2025 के लिए कैम्ब्रिज यूनियन सोसाइटी का अध्यक्ष चुने जाने पर मैं अत्यंत प्रसन्न और सम्मानित महसूस कर रही हूं तथा सदस्यों के समर्थन के लिए आभारी हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अपने कार्यकाल के दौरान मैं विश्वविद्यालय के इंडिया सोसाइटी जैसे सांस्कृतिक समूहों के साथ अधिक सहयोग के माध्यम से यूनियन में विविधता और पहुंच का विस्तार करने का प्रयास करूंगी। मैं अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं और वैश्विक वाद-विवाद प्रस्तावों की मेजबानी जारी रखने के लिए भी विशेष रूप से उत्साहित हूं, जैसा कि मैंने सोसाइटी के वाद-विवाद अधिकारी के रूप में किया था।’’
कैम्ब्रिज यूनियन सोसाइटी के पूर्व अध्यक्षों और अधिकारियों में प्रसिद्ध अंग्रेज अर्थशास्त्री और दार्शनिक जॉन मेनार्ड कीन्स, उपन्यासकार रॉबर्ट हैरिस और हाल के वर्षों में ब्रिटिश भारतीय सहकर्मी और कोबरा बीयर के संस्थापक करण बिलिमोरिया शामिल हैं।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की ऑक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी की तरह, कैम्ब्रिज यूनियन की भी अपने कक्ष में सार्वजनिक जीवन के सभी क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों की मेजबानी करने की एक लंबी परंपरा रही है। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट और रोनाल्ड रीगन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों विंस्टन चर्चिल, मार्गरेट थैचर और जॉन मेजर से लेकर स्टीफन हॉकिंग, बिल गेट्स और दलाई लामा तक शामिल हैं।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के सिडनी ससेक्स कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य की 20 वर्षीय छात्रा अनुष्का काले, इस प्रतिष्ठित पद को संभालने वाली कुछ दक्षिण एशियाई विरासत वाली महिला सदस्यों में से एक हैं।
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