नयी दिल्ली, 14 अगस्त भारतीय उद्यम कृत्रिम मेधा (एआई) को तेजी से अपना रहे हैं। कोविड-19 महामारी के बाद औद्योगिक उत्पाद और विनिर्माण क्षेत्र में इनकी स्वीकार्यता की दर भी सर्वाधिक है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, औद्योगिक उत्पादों और विनिर्माण क्षेत्र में पिछले दो वर्षों में एआई/एमएल (कृत्रिम मेधा/मशीन लर्निंग) को सबसे अधिक अपनाया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादों और विनिर्माण क्षेत्र के लगभग 64 प्रतिशत संगठनों ने बताया कि वे इस समय एआई को अपनाने के शुरुआती चरण में हैं। इससे पता चलता है कि इस क्षेत्र में एआई/एमएल समाधानों के लिए निवेश और वृद्धि के पर्याप्त अवसर हैं।
पीडब्ल्यूसी ने कहा कि उसने 2022-23 में भारतीय बाजार में 220 से अधिक सीएक्सओ और नीति-निर्माताओं के बीच सर्वेक्षण किया। इससे पहले 2020 में ऐसा ही सर्वेक्षण किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, रुझानों से संकेत मिलता है कि यात्रा और आतिथ्य उद्योग में एआई को अपनाने की प्रक्रिया अपने चरम पर पहुंच गई है।
इसके अलावा प्रौद्योगिकी, मीडिया, दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवा और दवा जैसे क्षेत्रों में लगातार प्रगति देखी गई है, लेकिन उन्हें निवेश पर प्रतिफल मापने के लिए कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
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