कोलकाता, चार अगस्त पूर्व रक्षा सचिव शेखर दत्त ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय और अमेरिकी कंपनियों को संयुक्त उद्यम लगाने, रक्षा उपकरणों को विकसित करने और इसके उत्पादन के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियों को संयुक्त उद्यम लगाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए और अमेरिकी कंपनियों की वैश्विक श्रृंखला में भागीदार बनना चाहिए।
एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘कट्स इंटरनेशनल’ के सहयोग से यहां अमेरिकी वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित एक रक्षा सम्मेलन को ऑनलाइन तरीके से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह प्रत्येक क्षेत्र को एक-दूसरे की विशेषज्ञता से लाभ होगा।’’
दत्त ने कहा कि भारतीय और अमेरिकी कंपनियों को संयुक्त उद्यम लगाने, रक्षा उपकरणों को विकसित करने और इसके उत्पादन के लिए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त उत्पादन के परिणामस्वरूप नए प्रकार के उपकरण और क्षमताएं सामने आएंगी; भारत और अमेरिका दोनों के पास ऐसे कर्मचारी हैं जो प्रौद्योगिकी को नई दिशा दे सकते हैं।’’
भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) अरूप राहा ने कहा कि भारत ने 25 से अधिक देशों को शामिल करते हुए लगभग 30 हवाई अभ्यास किए हैं, जिनमें से कई अमेरिकी वायु सेना के साथ किये गये हैं।
राहा ने कहा कि चीन के विस्तारवादी रवैये और 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमले के बाद अमेरिकी और भारतीय रक्षा बलों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिला और दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच संयुक्त हवाई अभ्यास शुरू हुआ।
वायुसेना के पूर्व प्रमुख ने कहा कि सैन्य कूटनीति किसी राष्ट्र की संपूर्ण कूटनीति का एक बहुत महत्वपूर्ण स्तंभ है।
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