नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में निवेश के माध्यम से देश के ‘‘स्वस्थ भविष्य’’ की ओर बढ़ने का उल्लेख करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत जल्द चिकित्सा पर्यटन का वैश्विक केंद्र बन जाएगा।
मांडविया ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में कई स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं-तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), डॉ विखे पाटिल कैंसर केंद्र और डॉ विखे पाटिल परमाणु चिकित्सा केंद्र का डिजिटल तरीके से उद्घाटन करने के बाद यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘भारत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में निवेश के जरिए स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ रहा है।’’
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि मांडविया ने रालेगण सिद्धि पीएचसी के मुख्य भवन और स्टाफ क्वार्टर के निर्माण का शिलान्यास किया। पीएचसी परिसर के निर्माण पर 7.02 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने खरदा में 5.60 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पीएचसी के मुख्य भवन और स्टाफ क्वार्टर के निर्माण तथा 2.14 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पढेगांव में पीएचसी के मुख्य भवन के निर्माण का भी शिलान्यास किया।
बयान के मुताबिक परमाणु चिकित्सा केंद्र व्यापक कैंसर देखभाल के लिए सुविधाओं से लैस है, जिसमें निदान और उपचार दोनों शामिल हैं। यह केंद्र अहमदनगर जिले में अपनी तरह का पहला केंद्र है और अहमदनगर, बीड, नासिक, औरंगाबाद, सोलापुर और पुणे जिलों के आसपास के क्षेत्रों की आबादी की जरूरतों को पूरा करेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य को विकास से जोड़ा है, क्योंकि एक स्वस्थ नागरिक ही राष्ट्रीय विकास में योगदान दे सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आरोग्य के साथ-साथ उपचार पर भी ध्यान देने की जरूरत है। पहले हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे लोग बीमार न पड़ें। इसलिए हमारी सरकार स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है।’’
मांडविया ने यह भी उल्लेख किया कि किसी भी नीति को दूरदर्शी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल अधिक चिकित्सा सुविधाओं का निर्माण कर रही है बल्कि मेडिकल कॉलेजों की संख्या और एमबीबीएस सीट की संख्या भी बढ़ा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब तक देश के युवा मेडिकल कॉलेजों से स्नातक होंगे, तब तक देश चिकित्सा पर्यटन के केंद्र में तब्दील हो चुका होगा, जो दुनिया भर के मरीजों को इलाज मुहैया कराएगा। उन्होंने कहा कि भारत के विश्व दृष्टिकोण का आधार सभी का कल्याण करना है। सरकार की अनुसंधान नीति पर मांडविया ने कहा कि दुनिया भर में हर 10 वैज्ञानिकों और शोध विद्वानों में से लगभग तीन भारतीय हैं।
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