भारत को आने वाले वर्षों में एक लाख ड्रोन पायलटों की जरूरत होगी: मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि भारत को आगामी वर्षों में करीब एक लाख ड्रोन पायलटों की जरूरत होगी. सिंधिया ने नीति आयोग के एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सरकार के 12 मंत्रालय फिलहाल देश में ड्रोन सेवाओं की मांग बढ़ाने पर काम कर रहे हैं.
नयी दिल्ली, 10 मई : नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने मंगलवार को कहा कि भारत को आगामी वर्षों में करीब एक लाख ड्रोन पायलटों की जरूरत होगी. सिंधिया ने नीति आयोग के एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्र सरकार के 12 मंत्रालय फिलहाल देश में ड्रोन सेवाओं की मांग बढ़ाने पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम ड्रोन क्षेत्र को तीन ‘चक्कों’ पर आगे ले जाने कर प्रयास कर रहे हैं. इनमें पहला नीति है. आप देख रहे हैं कि हम कितनी तेजी से नीति का क्रियान्वयन कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा कि दूसरा पहिया या चक्का प्रोत्साहन है. उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना देश में ड्रोन विनिर्माण एवं सेवाओं को और आगे बढ़ाने में मदद करेगी. इस क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना सितंबर, 2021 में लाई गई थी. सिंधिया ने कहा कि ड्रोन क्षेत्र की प्रगति का तीसरा चक्का घरेलू मांग पैदा करना है. केंद्र सरकार के 12 मंत्रालय ड्रोन सेवाओं के लिए मांग पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं. यह भी पढ़ें : कुतुब मीनार में हनुमान चालीसा का जाप कर रहे राइट-विंग ग्रुप के कार्यकर्ता, पुलिस ने हिरासत में लिया
उन्होंने कहा कि सिर्फ 12वीं पास व्यक्ति को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जा सकता है. इसके लिए कॉलेज की डिग्री की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सिर्फ दो-तीन माह के प्रशिक्षण के बाद कोई व्यक्ति ड्रोन पायलट बन सकता है और मासिक 30,000 रुपये का वेतन पा सकता है. सिंधिया ने कहा, ‘‘हमें करीब एक लाख ड्रोन पायलटों की जरूरत होगी. ऐसे में इस क्षेत्र में काफी अवसर हैं.’’