जयपुर, 25 अक्टूबर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सही शिक्षा और सोच की आवश्यकता पर जोर देते हुए मंगलवार को कहा कि भारत निश्चित रूप से फिर से "विश्व गुरु" बनेगा।
धनखड़ ने कहा, ‘‘ब्रह्माकुमारीज ने जो दृष्टि बनायी है, मैं उसे सलाम करता हूं, यहां आकर भारतीय दर्शन की सोच के दर्शन होते हैं। सही शिक्षा, सही सोच और सही ज्ञान ही हमें ताकत दे सकता है।’’
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय में 85वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर ‘सशक्त, समृद्ध और स्वर्णिम भारत’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो विश्व के कल्याण की बात कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत विश्वगुरु था और फिर से एक दिन निश्चित रूप से विश्व गुरु बनेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिसका हमने सपना देखा था वह जल्द ही साकार होगा। हमारी शैक्षणिक संस्थाओं ने दुनिया का नेतृत्व किया है। दुनिया के इतिहास में सच्चाई और शांति का संदेश देने वाले भारत के अलावा और कोई राष्ट्र नहीं है।’’
धनखड़ ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े संकट कोरोनाकाल में भी भारत ने अपने सांस्कृतिक मूल्यों का ध्यान रखते हुए पूरी दुनिया की सेवा की। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं कि हम जल्द ही एक दशक के अंदर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।’’
कार्यक्रम में राजस्थान के श्रममंत्री सुखराम विश्रोई भी मौजूद थे। संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बी के बृजमोहन भाई, संस्थान कार्यकारी सचिव डॉ. बी के मृत्युंजय भाई, मीडिया निदेशक बी के करुणा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस संस्थान का उद्देश्य लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है।
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