देश की खबरें | भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष: केरल के 75 छात्रों को सीमावर्ती राज्यों से वापस लाया जा रहा

तिरुवनंतपुरम/नयी दिल्ली, 10 मई कुछ सीमावर्ती राज्यों के विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे केरल के लगभग 75 छात्र भारत और पाकिस्तान के मध्य सैन्य संघर्ष के बीच अपने घर वापस आ रहे हैं। राज्य सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि जम्मू, राजस्थान, पंजाब और पाकिस्तान की सीमा से लगे अन्य स्थानों के विभिन्न केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों के छात्र कल देर रात और शनिवार तड़के दिल्ली स्थित केरल हाउस पहुंचे।

इसमें कहा गया है कि छात्र आज और रविवार को विभिन्न उड़ानों और ट्रेनों के माध्यम से केरल पहुंचेंगे।

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कुछ छात्रों ने कहा कि पंजाब के जालंधर जैसे स्थानों पर ड्रोन हमले अभी भी जारी हैं और उनके जैसे कई अन्य लोग घर वापस जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें हवाई या रेल टिकट मिलने में कठिनाई हो रही है।

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य संघर्ष और सीमावर्ती राज्यों में उत्पन्न तनाव के मद्देनजर पंजाब और कश्मीर में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से फोन पर बात की है।

सतीशन ने कहा कि केरल के करीब 240 छात्र संघर्ष प्रभावित राज्यों में हैं और वे वहां डर के साये में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में तत्काल कदम उठाए जाएंगे।

इस बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य ए ए रहीम ने शनिवार को सीमावर्ती राज्यों में फंसे लोगों की सुरक्षित और समय पर घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

रहीम ने वैष्णव को लिखे एक पत्र में दावा किया कि केरल सहित अन्य जगहों से छात्र और श्रमिक, जो जारी संघर्ष के बीच सीमावर्ती राज्यों से लौटने की कोशिश कर रहे हैं, ‘‘मौजूदा सेवाओं में सीट उपलब्ध न होने के कारण अपने घर पहुंचने के लिए ट्रेन टिकट के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ट्रेन में भीड़भाड़ और पर्याप्त कनेक्टिविटी की कमी से भारी कठिनाई हो रही है, जिससे कई लोग विभिन्न शहरों में फंस गए हैं या यात्रा के वैकल्पिक साधनों के लिए अत्यधिक कीमत चुकाने को मजबूर हैं।’’

उन्होंने मंत्री से आग्रह किया कि उत्तर-दक्षिण के प्रमुख मार्गों पर चलने वाली सभी ट्रेन में कोच की संख्या बढ़ायी जाए, खासकर केरल से गुजरने वाली ट्रेनों में तथा उत्तर और पश्चिमी भारत के प्रमुख स्टेशन से केरल और अन्य प्रभावित राज्यों के लिए विशेष ट्रेन सेवाएं शुरू की जाएं, ताकि लौटने वाले लोगों की भीड़ को समायोजित किया जा सके।

इसके अलावा, उन्होंने यह भी आग्रह किया कि फंसे हुए छात्रों और श्रमिकों को यात्रा व्यवस्था सुनिश्चित करने में सहायता के लिए आपातकालीन बुकिंग काउंटर और हेल्पलाइन स्थापित की जाएं। रहीम ने अपने पत्र में कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि आप इस मामले को उतनी ही तत्परता से लेंगे जितनी इसमें जरूरत है और अनिश्चितता और संकट के इस समय में इन नागरिकों की दिक्कत को कम करने के लिए त्वरित कार्रवाई करेंगे।’’

इससे पहले दिन में, केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के निर्देश पर नयी दिल्ली में केरल हाउस में 24 घंटे और सातों दिन काम करने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इसमें कहा गया है कि इसका उद्देश्य सीमावर्ती राज्यों में केरल के छात्रों और अन्य लोगों को सहायता और जानकारी प्रदान करना है। इसमें कहा गया है कि केरल हाउस में नियंत्रण कक्ष से संपर्क किया जा सकता है।

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