देश की खबरें | भारत ने 2019 में 24.04 लाख क्षयरोग मामले और 79144 मौतें अधिसूचित की: वार्षिक रिपोर्ट

नयी दिल्ली, 24 जून भारत ने पिछले वर्ष सबसे अधिक 24.04 लाख क्षय रोग के मामले अधिसूचित किये जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान 26.9 लाख मामलों का था। इससे संकेत मिलता है कि करीब तीन लाख मरीज राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम से छूट गए। यह बात बुधवार को क्षयरोग पर जारी एक वार्षिक रिपोर्ट में सामने आयी।

अधिकारियों ने बताया कि भारत टीबी रिपोर्ट 2020 में कहा गया है कि 2019 में क्षयरोग से 79,144 मौतें होने की जानकारी आयी जो कि डब्ल्यूएचओ के 4.4 लाख मौत के अनुमान से बहुत कम है।

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अधिकारियों के अनुसार अनुमानित मामलों और अधिसूचित मामलों में अंतर में काफी कमी आयी है। यह 2017 में 10 से कम होकर 2019 में 2.9 लाख हो गया है। ऐसा निजी स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र के साथ अधिक सम्पर्क और अन्य पहलों के चलते हुआ है।

अधिकारियों ने बताया कि 2019 में 24.04 लाख क्षयरोगी अधिसूचित किये गए और इस लिहाज से इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। वहीं निजी क्षेत्र में करीब 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई क्योंकि 6.78 लाख क्षयरोगी अधिसूचित किये गए।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए इस कार्य में सामूहिक प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि सरकार 2025 तक देश से क्षयरोग के उन्मूलन को प्रतिबद्ध है जो कि वैश्विक लक्ष्य से पांच वर्ष पहले है।

उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुरूप कार्यक्रम का नामकरण संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) से बदलकर राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) कर दिया गया है।

राज्य टीबी सूचकांक पर अंक के हिसाब से गुजरात, आंध प्रदेश और हिमाचल प्रदेश 50 लाख से अधिक जनसंख्या वाले राज्यों की श्रेणी में क्षयरोग नियंत्रण के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन शीर्ष राज्य हैं।

त्रिपुरा और नगालैंड 50 लाख से कम जनसंख्या वाले राज्यों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं। दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले केंद्र शासित प्रदेश चुने गए हैं।

हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘इस रैंकिंग से सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए प्रोत्साहित होंगे। जल्द पहचान और त्वरित उचित इलाज क्षय रोग के उन्मूलन के लिए जरूरी है।’’

उन्होंने कहा कि इस वर्ष की मुख्य विशेषता यह है कि पहली बार केंद्रीय टीबी डिविजन (सीटीडी) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा क्षयरोग उन्मूलन के लिए किये गए प्रयासों पर एक त्रैमासिक रैंकिंग जारी की।

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की तरह ही क्षयरोग के कुल मामलों में से आधे मामले पांच राज्यों - उत्तर प्रदेश 20 प्रतिशत, महाराष्ट्र नौ प्रतिशत, मध्य प्रदेश आठ प्रतिशत, राजस्थान और बिहार दोनों सात प्रतिशत-अधिसूचित किये गए।

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