संयुक्त राष्ट्र, 2 अक्टूबर: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कहा है कि भारत सरकार ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान महिलाओं की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं और देश महिलाओं एवं बेटियों के लिए कोविड-19 (COVID19) संकट के बाद समान एवं न्यायसंगत दुनिया बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है. ईरानी ने चौथे महिला वैश्विक सम्मेलन की 25वीं वर्षगांठ पर उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए बृहस्पतिवार को कहा, "संख्या के मामले में महिलाएं मानवता का आधा हिस्सा हैं, लेकिन समाज, राजनीति एवं अर्थव्यवस्था के सभी आयामों में उनका प्रभाव है. भारत में, हम हमारे विकास की यात्रा के सभी पहलुओं में लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण की अहमियत को समझते हैं."
उन्होंने कहा, "कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं." इनमें 'वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर' शामिल हैं, जो महिलाओं को एक छत के नीचे चिकित्सकीय, मनोवैज्ञानिक, कानूनी, पुलिस एवं आश्रय सुविधाएं मुहैया कराते हैं. ईरानी ने कहा कि विशेषकर गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और वंचित महिलाओं की वैश्विक महामारी के दौरान देखभाल सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली महिलाओं को कुपोषण से बचाने के लिए 'राष्ट्रीय पोषण मिशन' शुरू किया गया है ताकि भारत को 2022 तक कुपोषण मुक्त किया जा सके. ईरानी ने महिलाओं और पुरुषों की समानता सुनिश्चित करने के लिए 'बीजिंग घोषणा पत्र एवं कार्य मंच' के पूर्ण एवं प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर भारत की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा, "हमने चौथे महिला विश्व सम्मेलन में 25 साल पहले जो हासिल किया था, वह हमारे लिए अब भी प्रेरणास्रोत है और हमारा मार्गदर्शन कर रहा है."
बीजिंग घोषणा पत्र एवं कार्य मंच को 25 साल पहले पारित किया गया था. ईरानी ने कहा, "भारत हमारे और हमारी बेटियों के लिए कोविड-19 के बाद न्यायसंगत एवं समान दुनिया के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है." उन्होंने कहा कि भारत समावेशी विकास एवं बड़े सुधारों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो मिलकर परिर्वतनकारी बदलाव ला रहे हैं.
ईरानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत महिलाओं के विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की ओर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि स्थानीय सरकार में महिलाओं के लिए सीटों के आरक्षण ने सुनिश्चित किया है कि 13 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि सामुदायिक स्तर पर लैंगिक आधार पर संवेदनशील सार्वजनिक नीतियां बनाने एवं उनके क्रियान्वयन में नेतृत्व कर रही हैं.
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