इस्लामाबाद, तीन तुलाई गिलगित-बाल्टिस्तान में आम चुनाव कराये जाने की पाकिस्तान की घोषणा की भारत द्वारा निंदा किये जाने के एक दिन बाद इस्लामाबाद ने कहा है कि इस चुनाव पर टिप्पणी करने का नयी दिल्ली को कोई हक नहीं है।
पाकिस्तान ने 18 अगस्त को यह आम चुनाव कराने की पिछले हफ्ते घोषणा की थी।
यह भी पढ़े | पाकिस्तान के पंजाब में ट्रेन और सिख तीर्थयात्रियों की बस के बीच भीषण टक्कर, कम से कम 20 की मौत.
भारत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में आम चुनाव कराने की पाकिस्तान की घोषणा की निंदा करते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि इस तरह की दिखावटी कवायद का मकसद भारतीय क्षेत्रों पर इस्लामाबाद के अवैध कब्जों को छिपाना है।
पाकिस्तान ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि गिलगित-बाल्टिस्तान में 18 अगस्त को आम चुनाव होंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, ‘‘हम जम्मू कश्मीर और लद्दाख के भारतीय क्षेत्रों में बदलाव करने की पाकिस्तान की कोशिशों को पूरी तरह खारिज करते हैं। इस तरह की दिखावटी कवायद की मंशा भारतीय क्षेत्रों पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे को छिपाने की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान से कहते हैं कि वह उन सभी भारतीय क्षेत्रों को खाली करे जहां उसका अवैध कब्जा है।’’
भारत की प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा है कि गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव पर टिप्पणी करने का नयी दिल्ली को कोई अधिकार नहीं है।
पाकिस्तान ने यह आरोप भी लगाया है कि भारत जम्मू कश्मीर के हिस्सों पर अवैध कब्जा जमाए हुए है।
पाक विदेश कार्यालय ने कहा कि इस चुनाव के बारे में भारत की बेबुनियाद दलीलें जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन को ढंक नहीं सकती है।
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक व्यवस्था देकर इस्लामाबाद को क्षेत्र में आम चुनाव कराने के लिए 2018 के एक आदेश में संशोधन की अनुमति दे दी थी।
भारत ने मई में यहां एक वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक को डिमार्शे जारी किया था और पाकिस्तान की शीर्ष अदालत के फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया था।
भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश भी दिया था कि गिलगित-बाल्टिस्तान के क्षेत्रों समेत संपूर्ण जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)